12th Class RDBMS Question Answer
प्रश्न :- DBMS क्या है ?
उत्तर :- DBMS का पूरा नाम डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (database management system) है। यह programs का पूरा collection होता है जिसके द्वारा users डेटाबेस को create, delete और maintain कर सकते है. Database Management System (डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम) एक सॉफ्टवेयर है जिसका उपयोग डेटाबेस को बनाने और उसे संभालने के लिए किया जाता है।
प्रश्न:- RDBMS क्या है ?
उत्तर:- Relational DBMS (रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम) डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम का प्रकार है जो रिलेशनल मॉडल पर आधारित होता है। RDBMS एक ऐसा डेटाबेस होता है जो कि डाटा को स्ट्रक्चर्ड फॉर्मेट में स्टोर करता है ऐसा करने से डेटाबेस में किसी भी वैल्यू को सर्च करना बहुत आसान हो जाता है ,इसको रिलेशनल कहा जाता है। क्योंकि जो भी वैल्यू डेटाबेस में स्टोर होती है वह एक दूसरे से संबंधित होती है।
प्रश्न:- डेटाबेस को बनाने का क्या purpose है ?
उत्तर :- इसकी विशेषतायें निम्नलिखित है:-
- इसमें डाटा किसी भी प्रकार से स्टोर किया जा सकता है. Real world में जितने भी प्रकार का डेटा होता है यह उन सभी को स्टोर कर सकता है.
- Database system के द्वारा बहुत सारें user एक साथ एक समय पर database को एक्सेस कर सकते है.
- इसके द्वारा डेटा को share किया जा सकता है.
- इसमें data redundancy नहीं होती है. अर्थात् duplicate डेटा नहीं होता है.
- इसमें security होती है अर्थात कोई unauthorized user इसको एक्सेस नहीं कर सकता है.
प्रश्न:- डेटाबेस में Record और Field क्या है? Explain
उत्तर :-
- फील्ड (Field) : डाटा बेस में डाटा की value जिस स्थान पर स्टोर की जाती हैं, उन्हें फील्ड कहा जाता है। फील्ड कैरेक्टरों का अर्थपूर्ण संग्रह है । डाटा प्रोसेसिंग में फील्ड सबसे छोटी लॉजिकल यूनिट है जिसकी कुछ value होती है। Group of Character called Field.
- रिकॉर्ड (Record) : एक ही विषय पर अलग- अलग फील्ड में स्टोर किए गए डाटा के समूह को रिकार्ड कहा जाता है। Group of Field called Record.
प्रश्न:- डेटाबेस में Primary Key किसे कहते है?
उत्तर:- प्राइमरी key एक candidate key हैं, किसी भी रिलेशनल database table की primary key टेबल के प्रत्येक record को Uniquely identify करता हैं.
Primary key 2 प्रकार की होती हैं:-
- Simple Primary key
- Composite Primary key
Primary Key को कैसे define किया जाता हैं:-
- Primary Key Unique होती हैं
- किसी भी टेबल में केवल एक Primary Key होती हैं
- ये single या multicolumn हो सकती हैं, multicolumn primary key को हम Composite Primary Key कहते हैं
- Composite Primary Key में केवल अधिकतम 16 colum होते हैं
- यह null value को contain नहीं करती हैं
प्रश्न:- Foreign key क्या है?
उत्तर:-
- किसी एक table का foreign key दुसरे टेबल का primary key होता हैं
- Relational Database Table में एक foreign key column का एक group होता है जो की दो table के मध्य link provide करता हैं
- foreign key को referencing key भी कहा जाता हैं
- foreign key डाटा में integrity को maintain करने के लिए method उपलब्ध कराता हैं |
प्रश्न:- Composite Key किसे कहा जाता है?
उत्तर:- जब हम डेटाबेस डिज़ाइन करते हैं तो हम table बनाते हैं प्रत्येक table में हम एक से अधिक colum को के part primary key की तरह use करते हैं उन्हें composite key कहते हैं, दूसरे शब्दों में जब एक record एक single field के द्वारा uniquely identify नहीं किया जा सकता तो ऐसे case में composite key का use किया जाता हैं |
प्रश्न:- Candidate Key क्या है ?
उत्तर:-
- ऐसा key जो relational database में किसी row को uniquely identify करे Candidate Key कहलाता हैं
- candidate key set of key जो unique होते हैं अर्थात column जो uniquely identify होते हैं तो उनसे
कैंडिडेट key composite key भी हो सकता हैं अगर candidate key composite key हैं तब composite key को distribute करने के बाद relational database में किसी भी row को uniquely identify नहीं कर सकते हैं |
प्रश्न:- MYSql क्या है और इसकी क्या विशेषताए है ?
उत्तर:- MySQL एक ओपन सोर्स Database Management System होता है। इसका पूरा नाम My Structured Query Language है. इसका इस्तेमाल XAMPP और WAMPP जैसे प्रसिद्ध web servers पर किया जाता है.
- इसका इस्तेमाल websites और applications को create करने के लिए PHP, C++, Java और दूसरी programming language के साथ किया जाता है. यह एक open source DBMS software है इसलिए इसका प्रयोग free में कोई भी कर सकता है. Facebook, google, twitter जैसी websites भी इसका प्रयोग करती हैं.
- MySQL एक software होता है जिसकी सहायता से आप data को store और manage करते है। इसमें data कुछ भी हो सकता है। कुछ व्यक्तियों के नाम और address भी हो सकते है। या फिर किसी company की sales और production के बारे में information भी हो सकती है।
- यह एक relational database होता है। एक relational database पुरे data को एक ही table में store करने के बजाय अलग अलग tables में store करता है। और फिर इन tables के बीच में relation identify करके उसके base पर queries को process करता है।
इसके characteristics निम्नलिखित हैं:-
- MySQL को C और C++ में बनाया गया है।
- यह बहुत सारी programming languages और scripting language के साथ work करती है। जैसे की Java और PHP आदि।
- इसकी performance बहुत high होती है क्योंकि इसका storage engine बहुत unique है।
- MySQL से बहुत सारे अलग अलग platforms पर काम किया जा सकता है।
प्रश्न:- DDL और DML Commands क्या है और यह कितने प्रकार की होती है?
उत्तर:- DDL का पूरा नाम data definition language है। जो कि conceptual schema को define करने के लिए यूज़ किया जाता है तथा यह इस बात की जानकारी भी देता है कि physical devices में इस schema को कैसे implement किया जाता है।
SQL में जो सबसे महत्वपूर्ण DDL statements है, वो निम्न हैं:
1. CREATE:- डेटाबेस में objects को create करने के लिये।
2. ALTER:- डेटाबेस के structure में बदलाव करने के लिए।
3. DROP:- database में से objects को delete करने के लिए।
4. COMMENT:- data dictionary में comments को add करने के लिए।
5. RENAME:- object का rename (नाम में बदलाव) करने के लिए।
DML
DML का पूरा नाम data manipulation language है। और वह language जो डेटाबेस में डेटा को manipulate करने के काम आती है वह लैंग्वेज DML(data manipulation language) कहलाती है।
- SELECT:- एक डेटाबेस में से डेटा को retrieve करना।
2. INSERT:- table में डेटा को insert करना।
3. UPDATE:- table में मौजूदा डेटा को update करना।
4. DELETE:- table में से सभी records को delete करना।
5. CALL:- java subprogram को कॉल करने के लिए।
6. LOCK TABLE:- concurrency को नियंत्रित करने के लिए।
प्रश्न:- SQL डाटा टाइप कितने प्रकार के है ?
उत्तर:- SQL में अलग-अलग प्रकार के Data Types होते है, जैसे कि, Numeric, Characters, Binary, date & time जैसे Data Types होते है।
यदि आपको किसी Tables को create करना है तो पहले आपको data types के बारे में समझ लेना चाहिए। Tables create करते समय data types का बहुत बड़ा role होता है।Data types आप fields (columns) पर apply करते है। किसी भी table में हर data type एक different तरह की value को store करने में मदद करता हैं।
Type | Size | Description |
CHAR[Length] | Length bytes | A fixed-length Field From 0 to 255 characters long. |
VARCHAR(Length) | String length + 1 bytes | A fixed-length Field From 0 to 255 Characters long. |
INT[Length] | 4 bytes | Range of -2,147,483,648 to 2,147,483,647 or 0 to 4,294,967,295 unsigned. |
DECIMAL[Length, Decimals] | Length + 1 or Length + 2 bytes | A DOUBLE Stored as a string, Allowing for a Fixed Decimal Point |
DATE | 3 bytes | In the format of YYYY-MM-DD. |
DATETIME | 8 bytes | In the format of YYYY-MM-DD HH:MM:SS. |
TIMESTAMP | 4 bytes | In the format of YYYYMMDDHHMMSS; acceptable range ends inthe year 2037. |
TIME | 3 bytes | In the format of HH:MM:SS |
प्रश्न:- MySQL में डेटाबेस को कैसे create किया जाता है ?
उत्तर:- MySQL में डेटाबेस को create करने के लिए हम CREATE statement का इस्तेमाल करते है। इस statement का general syntax निचे दिया जा रहा है।
mysql > create database database_Name;
डेटाबेस create करने के लिए सबसे पहले आप create database स्टेटमेंट लिखते है। इसके बाद एक database का unique नाम दिया जाता है। इसका उदाहरण निचे दिया जा रहा है।
mysql > create database test_db;
प्रश्न:- एक डेटाबेस में टेबल को कैसे create किया जाता है ?
उत्तर :- एक database में tables सबसे महत्वपूर्ण unit होती है। Tables के द्वारा ही database structure define होता है। Tables को create करने से पहले किसी भी database में से tables की जानकारी प्राप्त करने के लिए आप SHOW TABLES स्टेटमेंट का इस्तेमाल कर सकते है। इसका उदाहरण नीचे दिया जा रहा है।
mysql > show tables;
Execute होने पर ये statement उन सभी tables की list show करता है जो database में पहले से मौजूद होती है। ये information कई प्रकार से use की जा सकती है। आइये अब देखते है कि MySQL में tables कैसे create की जाती है।
MySQL में table को create करने का basic syntax नीचे दिया जा रहा है।
CREATE TABLE <table-name>
(
<column-name> <column-type> <options>,
<column-name> <column-type> <options),
<constraints>
) <table-options>
प्रश्न:- Constraint क्या है और इसे टेबल में कैसे add किया जाता है ?
उत्तर:- Constraints एक Rule होता है जो Valid Data को Store करने के लिए Table Columns पर लागू होता है और यह User को Invalid Data को Table Columns में Storing Entering करने से रोकता है.
SQL Constraints हमें Limited Fixed Size Data को Enter करने में मदद करता है.
- Primary Key Constraint
- Not Null Constraint
- Unique Constraint
- Check Constraint
- Default Constraint
- Foreign Key Constraint
- Primary Key – Primary key constraint यह बताता है कि किसी विशेष column की value NULL नहीं हो सकती है। और साथ ही इस column की values पूरी table में unique होगी। Primary key के द्वारा आप table में हर row को uniquely identify कर सकते है। ज्यादातर cases में primary key एक integer values का column होता है जैसे की ID आदि।
- Unique Key – Unique key constraint भी primary key की तरह ही होता है लेकिन ये constraint NULL values का storage allow करता है। जिस column पर ये constraint apply होता है उस column की values पूरी table में unique होनी चाहिए। Unique constraint एक column में user को unique values डालने के लिए बाध्य करता है। यदि किसी भी column की value NULL नहीं है तो इस constraint के द्वारा rows को uniquely identify किया जा सकता है।
- Foreign Key – Foreign key constraint किसी table की primary key को point करती है। एक foreign key किसी दूसरी table में primary key होती है। ये constraint दो tables में relation बताता है। ये constraint बताता है की इस table के columns foreign key वाली table से सम्बंधित है।
प्रश्न:- किसी टेबल में रिकॉर्ड को Select, insert, Delete और modify कैसे किया जाता है ?
उत्तर:-
- INSERT INTO Statement का उपयोग Table पर नया Record को Insert करने के लिए किया जाता है.
INSERT Statement के Two Syntax होते है और ये इस पर निर्भर होते है और ये यह मालूम करते है की आप इस पर एक या एक से अधिक Records को डाल रहे है.
Syntax with columns name
INSERT INTO table_name(column1,column2,..,columnN)
VALUES (value1, value2,..,valueN);
यहाँ पर Column1, Column2,…ColumnN एक Table मे Column के Name है जिसमे आप अपने Data को Insert करा सकते हो.
- UPDATE Statement का उपयोग आप Present Records को Update करने के लिए करते है. UPDATE Statement से आप एक या एक से अधिक भी Records को Update कर सकते है.
Syntax
UPDATE table_name
SET column1 = value1, column2 = value2…., columnN = valueN
WHERE [condition];
- DELETE Statement का उपयोग Table से Present Record को या All Table के Records को Delete करने के लिये किया जाता है.
SQL DELETE Statement मे आप Selected Rows को Delete करने के लिए Delete Query के साथ WHERE Clause का उपयोग कर सकते है. अगर आप ऐसा नहीं करते है तो सभी सभी Records को Delete कर दिया जाता है.
Syntax
DELETE FROM table
[WHERE conditions];
- SQL Select Statement का सबसे ज्यादा उपयोग SQL Command मे किया जाता है. SQL Select Statement मे Database एक Table से Query या Data को प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है.
एक Simple SQL SELECT Statement बनाने के लिए Column(s) name और Table Name को Define करना होता है.
Selected Data को एक Result Table मे Store किया जाता है जिसे Result Set भी कहा जाता है.
Syntax
SELECT expressions
FROM tables
[WHERE conditions]
[ORDER BY expression [ ASC | DESC ]];