Social Media पर बैन | अब बच्चे नहीं चला सकेंगे Social Media! जानिए

ऑस्ट्रेलिया का बच्चों पर मोबाइल और सोशल मीडिया इस्तेमाल पर लगाम लगाने का फैसला

ऑस्ट्रेलिया सरकार ने बच्चों और छात्रों द्वारा मोबाइल और सोशल मीडिया के उपयोग को सीमित करने के लिए कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। यह पहल बच्चों की सुरक्षा और उनकी पढ़ाई पर फोकस बढ़ाने के लिए की जा रही है।

स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध

ऑस्ट्रेलिया में अब पब्लिक स्कूलों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिया गया है, हालांकि ऑस्ट्रेलियन कैपिटल टेरिटरी (ACT) में यह नियम लागू नहीं है। इस प्रतिबंध का उद्देश्य बच्चों को पढ़ाई के दौरान ध्यान भटकने से रोकना, उनके सीखने के परिणामों में सुधार करना और एक सुरक्षित शिक्षा का माहौल बनाना है।

सोशल मीडिया उपयोग पर लगेगी रोक

ऑस्ट्रेलियाई सरकार बच्चों द्वारा सोशल मीडिया उपयोग को भी सीमित करने की योजना बना रही है। इसके तहत Facebook, Instagram और TikTok जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स में लॉगिन के लिए न्यूनतम आयु 14 से 16 वर्ष तय की जा सकती है। यह कानून बच्चों को सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों से बचाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाया जा रहा है।

मोबाइल फ़ोन पर बैन

आयु सत्यापन परीक्षण (Age Verification Trial)

सरकार ने बच्चों के उम्र सत्यापन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसमें विभिन्न तरीकों से आयु की पुष्टि करने का परीक्षण किया जा रहा है। यह परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए है कि बच्चे तय की गई आयु से पहले सोशल मीडिया तक पहुंच न बना पाएं।

स्कूलों में बैन के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव

मोबाइल फोन पर बैन को लेकर कई राय हैं। कुछ लोग मानते हैं कि इस बैन से छात्रों के व्यवहार में सुधार हुआ है, जबकि कुछ का कहना है कि इसका सीधा लाभ साबित नहीं हो सका है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, मोबाइल फोन प्रतिबंध का छात्रों के प्रदर्शन पर कोई खास असर नहीं पड़ा, जबकि अन्य अध्ययनों ने पाया कि इस प्रतिबंध से केवल कमजोर या पिछड़े छात्रों के अकादमिक प्रदर्शन में सुधार हुआ है।

क्या मोबाइल फोन प्रतिबंध से मिल रहे हैं सकारात्मक परिणाम?

कई लोगों का मानना है कि स्कूलों में मोबाइल फोन बैन से छात्रों के व्यवहार में सुधार हुआ है। हालांकि, इस विषय पर कई मतभेद भी हैं। कुछ अध्ययनों के अनुसार मोबाइल फोन प्रतिबंध का छात्रों के प्रदर्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। जबकि अन्य अध्ययन यह दर्शाते हैं कि ये प्रतिबंध केवल आर्थिक रूप से कमजोर या कम प्रदर्शन करने वाले छात्रों के लिए ही फायदेमंद साबित हुए हैं।

बच्चों की भलाई और सुरक्षा पर ध्यान

यह प्रतिबंध न केवल बच्चों की पढ़ाई और ध्यान के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखने के लिए एक सकारात्मक कदम है। ऑस्ट्रेलिया का यह प्रयास दुनियाभर के अन्य देशों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है।