आज के आर्टिकल में हम बात करेंगे कि Cloud Computing Kya Hai और ये कैसे काम करता है. वैसे आपने क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में जरुर सुना होगा. और आपके दिमाग में इसके रिलेटेड doubt भी create हुए होंगे.
बाकि जिनको क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में बिलकुल भी knowledge नही है तो ये आर्टिकल आपके लिए बेहद ही फायदेमंद रहने वाला है. क्योंकि इस आर्टिकल में आप क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में विस्तार से जान पाएंगे कि इसके फायदे और नुकसान क्या है और ये टेक्नोलॉजी कब और कहाँ से आई. और साथ ही साथ ये सीखेंगे कि इसका प्रयोग कैसे होता है.
क्लाउड कंप्यूटिंग एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसमे अपने डाटा को कंप्यूटर हार्ड drive में सेव न करके इन्टरनेट पर store करे.
इसमें इन्टरनेट का प्रयोग करके अलग अलग तरह की services प्रधान की जाती है. ये services कुछ भी हो सकती है.जैसे किसी भी तरह का सॉफ्टवेयर या server पर स्टोरेज space.
आसान शब्दों में कहे तो क्लाउड कंप्यूटिंग एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसमे user को इन्टरनेट के server पर स्टोरेज की फैसिलिटी देता है. और जिसे कही से भी access किया जा सकता है. आजकल क्लाउड कंप्यूटिंग मुख्य तकनीक में से एक है जिसका प्रयोग बड़ी तेजी से हो रहा है. क्लाउड कंप्यूटिंग को हम कुछ examples के द्वारा भी समझ सकते है -जैसे
Youtube – जिसमे daily लाखो videos अपलोड होते है और इतने सारे videos को store करने के लिए youtube क्लाउड कंप्यूटिंग का सहारा लेता है.
Facebook – सबसे प्रसिद्ध सोशल platform जिसपे अरबो लोगो की profile है और daily 3 बिलियन के करीब images, videos अपलोड किये जाते है. ऐसे में फेसबुक भी क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल करता है.
तीसरा Emails – ईमेल की service देने वाली बहुत सारी कंपनी है जैसे जीमेल, rediffmail, yahoo इत्यादि और ऑनलाइन स्टोरेज देने वाली सारी कंपनी क्लाउड कंप्यूटिंग का ही प्रयोग करती है.
Education के क्षेत्र में भी आजकल क्लाउड कंप्यूटिंग का प्रयोग करती है जैसे byju’s आपको टीचिंग रिसोर्स को ऑनलाइन access करने में मदद करता है.
सरकारें भी cloud computing का उपयोग करती है. वे cloud-based IT services का उपयोग करके नागरिकों को e-Governance की सेवाएं प्रदान करती है.
किसी वेबसाइट या एप्लीकेशन को भी क्लाउड server में host करने के लिए digitalocean जैसे क्लाउड service को purchase कर सकते है.
क्लाउड कंप्यूटिंग की शुरुवात असल में 1990 के दशक में हुयी जब salesforce नाम की कंपनी ने लोगो को service देना शुरू किया. इसके बाद लोगो को पता चला कि ये आने वाले टाइम में कितनी ज्यादा important है.
कुछ ही सालो के बाद इसकी रफ़्तार और भी तेज हो गयी. 21वी शताब्दी में तो बड़ी बड़ी कम्पनीज जैसे अमेज़न, google, facebook, youtube, माइक्रोसॉफ्ट ने क्लाउड कंप्यूटिंग की फील्ड में सेवाए देना शुरू किया.
अब हम जानते है कि आखिर ये क्लाउड कंप्यूटिंग कैसे काम करता है? क्लाउड कंप्यूटिंग में बहुत सारे server means computers जिन पर एक अलग तरह के सॉफ्टवेयर इनस्टॉल होते है.
ये सॉफ्टवेयर एक से अधिक भी हो सकते है. क्लाउड कंप्यूटिंग dual layers टेक्नोलॉजी पर work करता है. एक layers तो server को manage करने के लिए होती है और दूसरी लेयर को client द्वारा इस्तेमाल किया जाता है. जो server को manage करने के लिए लेयर है उसे back end कहते है और client को manage करने के लिए जो लेयर है उसे front end कहते है.
इसीलिए दोनों को मिलकर एक पूरा सेटअप क्लाउड कंप्यूटिंग का होता है.
मुख्य तीन प्रकार के cloud computing service models उपलब्ध हैं, जिन्हें आमतौर पर जाना जाता है:
SaaS छोटे businesses के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग का सबसे normal रूप है। आप अपने pc या server पर stored traditional applications के बजाय, ब्राउज़र का उपयोग करके इंटरनेट पर होस्ट किए गए सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन को access कर सकते हैं।
SaaS का उदाहरण हैं, web-based mail service या customer relationship management system.
IaaS का मतलब आमतौर पर external service provider से आपके computer power और disk space को खरीदना या किराए पर लेना होता है। यह विकल्प आपको एक प्राइवेट नेटवर्क या इंटरनेट पर access करने की अनुमति देता है।
service provider, CPU processing, memory, data storage और network connectivity सहित physical computer hardware को maintain करता है।
PaaS को SaaS और IaaS दोनों के crossover के रूप में described किया जा सकता है। Hardware, operating systems, storage और network capacity के साथ साथ software servers और application environments भी किराए पर देते हैं। PaaS आपको अपने computing setup के तकनीकी पहलुओं और आपकी जरूरत के अनुरूप अनुकूलित करने की क्षमता पर अधिक नियंत्रण प्रदान करता है।
Cloud computing की निम्न विशेषताए इस प्रकार है
क्लाउड कंप्यूटिंग का प्रयोग बहुत सारे फ़ील्ड्स और daily लाइफ के अंदर भी हो रहा है जैसे
और ज्यादा जानने के लिए क्लिक करे – Cloud Computing
Conclusion
आज के इस आर्टिकल में हमने सीखा कि Cloud Computing Kya Hai और ये कैसे काम करता है और इसके क्या क्या फायदे हैं यदि आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है तो प्लीज अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें. यदि आपको इस आर्टिकल के रिलेटेड कोई भी डाउट है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं मैं कोशिश करूंगा आपके कमेंट का रिप्लाई करने की.
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