यदि आप कंप्यूटर मेमोरी के बारे में जानना चाहते है तो आप सही जगह पर आये है क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम पढ़ने वाले है Definition Of Computer Memory (कंप्यूटर मेमोरी क्या है) और ये कितने types की होती है
इससे पहले वाले आर्टिकल में हमने जाना था What is Computer और उसके types. तो अब हम जानने वाले है कि मेमोरी हमारे कंप्यूटर के लिए क्यों जरूरी है. और यह कितने प्रकार की होती है? तो प्लीज इस आर्टिकल को last तक जरुर पढ़े ताकि आपको अच्छी तरह से Computer Memory के बारे में पता लग सके.
“किसी भी instruction, सूचना और results को स्टोर करके रखना ही Memory कहलाता है.” अब Computer याद रखने के लिए जिस device का सहारा लेता है उसे ही Computer Memory कहा जाता है.
Memory छोटे छोटे पार्ट्स में बंटी होती है और इस हर पार्ट्स को हम cell के नाम से पुकारते है. मेमोरी में हर cell की अपनी ही identity होती है जिसे सेल address कहा जाता है.
हमारे कंप्यूटर का डाटा इन cells के अंदर ही स्टोर होता है और सारा डाटा Binary Digits की 0 और 1 की form में होता है.
जैसे हम कुछ भी याद रखने के लिए अपने दिमाग का सहारा लेते है उंसी प्रकार कंप्यूटर भी डाटा को याद रखने के लिए मेमोरी का सहारा लेता है. Computer Memory CPU का एक अभिन्न अंग है.
मेमोरी के types जानने से पहले एक और चीज़ जानना बेहद ही जरूरी है वो है Bit and Byte.
मेमोरी में जो डाटा स्टोर होता है वो 0 और 1 की form में होता है और इसे Binary Digits भी कहा जाता है. और Bit भी कह सकते है. ये बिट कंप्यूटर की मेमोरी की सबसे छोटी इकाई होती है,
इसको हम table से समझते है
8 Bits = 1 Bytes
1024 Bytes = 1 Kilobyte (1 Kb)
1024 Kilo Byte = 1 Mega Byte (1 Mb)
1024 Mega Byte = 1 Giga Byte (1Gb)
1024 Giga Byte = 1 Tera Byte(1 Tb)
Computer Memory को main 3 types में डिवाइड करते है
ये Memory कंप्यूटर की सबसे तेज मेमोरी होती है. ये एक हाई speed semiconductor memory है जो CPU को speed up कर देती है. इस मेमोरी में वो programs और instruction शामिल होते है जिन्हें frequently इस्तेमाल करना हो. जिससे CPU फ़ास्ट गति से कार्य कर सके.
Cache Memory का स्थान CPU और Main Memory के बीच होता है CPU Cache मेमोरी में स्टोर डाटा को पहले से ही receive कर लेता है.
Cache मेमोरी का डाटा user के किसी काम का नही है क्योंकि इस डाटा और instruction को Operating System के द्वारा send किया जाता है जिन्हें CPU इस्तेमाल करता है.इस Memory की स्टोर करने की capacity भी कम होती है इसलिए इसे बार बार clear करना होता है.
Cache Memory के Advantage
Disadvantage
Primary Memory को मुख्य रूप से Volatile और Non-Volatile दोनों होती है. Volatile मेमोरी में लिखा हुआ डाटा कंप्यूटर बंद होने पर या बिजली के चले जाने पर खत्म हो जाता है. Non Volatile मेमोरी वो मेमोरी है जो कंप्यूटर को बूट करने में मदद करती है.
Primary Memory डाटा और instruction को hold करके रखती है इसमें capacity limited होती है और डाटा lost होने का डर होता है यदि कंप्यूटर direct बंद हो जाये या पॉवर switched off हो जाये.
ये मेमोरी CPU का पार्ट होती है इस मेमोरी से ही CPU डाटा और instruction को receive करता है.
Primary Memory की विशेषताएं
Primary Memory मुख्य 2 प्रकार की होती है
RAM (Random Access Memory) (RAM Kya Hai )
RAM का पूरा नाम है Random Access Memory, इसको Direct Access Memory भी बोला जाता है, यह Memory ज्यादा दौर पर Computer में कम Size में रहती है Secondary Memory की तुलना में जैसे आपके Mobile में 1GB, 2GB, 3GB, 4GB तक होती है.
RAM या Random Access Memory कंप्यूटर की अस्थाई मेमोरी (Temporary Memory) होती हैं. की-बोर्ड या अन्य किसी इनपुट डिवाइस से इनपुट किया गया डाटा प्रक्रिया से पहले रैम में ही संगृहीत किया जाता है और सी.पी.यू. द्वारा आवश्यकतानुसार वहाँ से प्राप्त किया जाता है.
रैम में डाटा या प्रोग्राम अस्थाई रूप से संगृहीत रहता है कंप्यूटर बंद हो जाने या विजली चले जाने पर रैम में संगृहीत (Store) डाटा मिट जाता हैं| इसलिए रैम को Volatile या अस्थाई मेमोरी कहते है
Characteristics of RAM
Integrated RAM 3 types की होती है
ROM (Read Only Memory) ROM Kya hai
ROM कंप्यूटर मे built-in memory होती है जिसका डेटा read only होता है एवं उसमे कुछ भी write or modify नहीं किया जा सकता| Generally, ROM को computer की boot settings के लिए प्रोग्राम किया जाता है एवं इसका डेटा मुख तौर पर कंप्यूटर के boot time मे काम आता है|
इस मेमोरी में डाटा कंप्यूटर के बंद हो जाने से भी नष्ट नही होता इसलिए इसे स्थायी या non volatile मेमोरी कहा जाता है. ROM भी कई प्रकार की होती है
इस Device को Auxiliary Storage Device भी कहा जाता है। यह कम्प्यूटर का भाग नही होती है. इसको कम्प्यूटर में अलग से जोडा जाता है। इसमें जो डाटा स्टोर किया जाता है। वह स्थाई होता है। अर्थात् कम्प्यूटर बंद होने पर इसमें स्टोर डाटा डिलीट नही होता है.
आवश्यकता के अनुसार इसको भविष्य में इसमें सेव फाईल या फोल्डरों को खोल कर देख सकते है। या इसमें सुधार कर सकते है। एवं इसको यूजर के द्वारा डिलिट भी किया जा सकता है। इसकी Storage क्षमता अधिक होती है.
Secondary Storage Device में Primary memory की अपेक्षा कई गुना अधिक डाटा स्टोर करके रख सकते हैं, जो की स्थानांतरणीय (Transferable) होता हैं एवं डाटा को ऐक्सेस करने कि गति Primary Memory से धीमी होती है।
Secondary Memory में फ्लॉपी डिस्क, हार्डडिस्क, कॉम्पेक्ट डिस्क, ऑप्टिकल डिस्क, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव आदि आते हैं|
Secondary Memory की विशेषताएं
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Conclusion
इस पोस्ट में अब तक आपने सिखा Definition Of Computer Memory and Types of Memory. इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपके मन में मेमोरी से related doubt बिलकुल भी नही रहेगा. यदि फिर भी आपको कोई doubt है तो आप हमे comment कर सकते है.
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