आज के इस आर्टिकल में आप ये सीखेंगे कि Computer Virus Kya Hai और ये कितने प्रकार का होता है तथा इससे बचने के लिए क्या step उठाने चाहिए.
कंप्यूटर का प्रयोग करना तो सभी को आता है और जो लोग कंप्यूटर का यूज़ करते है उन्हें Computer Virus के बारे में भी नाम जरुर सुना होता है.
वायरस इन्टरनेट की दुनिया में बेहद ही प्रचलित नाम है ये एक छोटे छोटे प्रोग्राम है जो आटोमेटिक execute होकर कंप्यूटर में प्रवेश करके कंप्यूटर की कार्य प्रणाली को effect करते है.
ये कंप्यूटर के साथ साथ दुसरे GADGET के लिए भी बहुत खतरनाक है MEANS जिस सिस्टम में ये एक बार इंटर हो जाये तो यूज़ खराब भी कर सकता है और आपके डाटा को भी CURRUPT कर सकता है.
वायरस एक ऐसा लिखा गया प्रोग्राम है जो कंप्यूटर के बूट से अपने को जोड़ लेता है और कंप्यूटर जितनी भी बार बूट होगा वायरस उतना ही ज्यादा फैलता है. ये आपके कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में यदि एक बार ENTER कर गया तो डिस्क की गति को धीमा कर देता है और प्रोग्राम को चलाने में बहुत ही जायदा टाइम लेता है
वायरस जब सक्रिय होता है तो कंप्यूटर मेमोरी को अपने साथ जोड़ लेता है और फैलने लगता है.
कंप्यूटर को वायरस से सुरक्षित रखने के लिए वायरस को समझना बहुत जरूरी हो जाता है तो आज कि इस पोस्ट में हम Computer Virus के बारे में डिटेल्स के अंदर चर्चा करने वाले है कि ये कितने प्रकार का है और इससे बचने के लिए क्या क्या उपाए है.
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Computer Virus एक छोटे छोटे प्रोग्राम्स है जो कंप्यूटर के operation और डाटा को डिलीट करने या यूज़ नुकसान पहुँचाने के लिए बनाया जाता है
ये प्रोग्राम हमारी जानकारी के बिना ही कंप्यूटर में enter हो जाते है और सिस्टम को इस तरीके से खराब करते है जिन्हें ठीक कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. जैसा कि आपको पता है कि कंप्यूटर बहुत सारे सॉफ्टवेर प्रोग्राम्स के द्वारा ही चलता है बिना सॉफ्टवेर प्रोग्राम के ये एक्सेस नही कर सकता .
कई प्रोग्राम ऐसे होते है जो कंप्यूटर को सही तरह से काम करने के लिए बनाये जाते है और कई ऐसे होते है कंप्यूटर को खराब करने के लिए बनाये जाते है.
जैसा कि आपको ये भी पता है कि कंप्यूटर को बनाने वाला भी इन्सान ही है और उसमे प्रोग्राम्स को भी इन्सान ने ही बनाया है.
ऐसे ही वायरस भी एक प्रोग्राम है जिसे इन्सान द्वारा ही बनाया गया है ये अपने आप कभी भी नही बनते. इसे भी जानबूझकर बनाया जाता है ताकि कंप्यूटर को क्षतिग्रस्त कर सके.
सबसे पहले Computer Virus का अविष्कार Robert Thomas ने सन 1971 में किया. ये एक इंजिनियर थे जिन्होंने BBN technology में काम करते बक्त बनाया था.
सबसे पहले जिसने original wild Computer Virus को ट्रैक किया गया था वो था “Elk Cloner”. Cloner ने सबसे पहले फ्लॉपी डिस्क के माद्यम से Apple -ii operating system affect किया था. इस वायरस को develop Richard Skrenta ने सन 1982 में किया था जो एक
teenager था.
इस malicious programs को Computer Virus का नाम देने वाला सबसे पहला व्यक्ति Fred Cohen था जिसने 1983 में ये नाम रखा.
इस प्रोग्राम का नाम तबी पता चला जब उन्होंने अपने acedemic paper में titled किया “Computer Viruses – Theory and
Experiments”. इसमें उन्होंने ये पूरा ज़िक्र किया कि ये जैसे काम करता है और क्या कर सकता है.
computer virus फैलने के कई कारण हो सकते है ये आपके system में अनेक तरीको से आ सकता है जैसे ईमेल अटैचमेंट के जरिये, executable फाइल पर क्लिक करके, या किसी संक्रमित वेबसाइट के विज्ञापन को देख लेने से, और भी बहुत से कारण हो सकते है.
USb ड्राइव के माद्यम से भी वायरस आपके कंप्यूटर में फ़ैल सकता है. यदि इसने एक बार आपके system में enter कर दिया तो ये अन्य system सॉफ्टवेर और resources को संक्रमित कर देता है.
Computer Virus एक प्रकार का मैलवेयर ही है यदि ये आपके कंप्यूटर के मेमोरी में enter हो गया तो ये खुद ही अपने आप को multiply कर देता है और programs और एप्लीकेशन को भी बदल देता है.
अब मैं आपको कुछ Computer Virus के टाइप्स के बारे में बताने जा रहा हूँ जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए. इसके बाद हम करेंगे कि इससे कैसे बचा जाये.
Boot Sector Virus हार्ड डिस्क या फ्लॉपी डिस्क के बूट सेक्टर में होते है. ये master boot रिकॉर्ड को infect करते है जिन्हें निकाल पाना बहुत ही मुश्किल है. ऐसे वायरस removable media के द्वारा आते है. जैसे ही हम कंप्यूटर को स्टार्ट करते है तो ये वायरस operating system को load होने में रुकावट पैदा करते है. इन वायरस को निकालने के लिए system को
format ही करना पड़ता है.
रेजिडेंट वायरस वे Computer Virus है जो अपने खुद को RAM मेमोरी में स्टोर करता है और अन्य प्रोग्राम्स को infect करने की अनुमति देता है. इनमे कुछ वायरस बहुत slow स्पीड से काम करते है तो कुछ बहुत तेज गति से.
ये वायरस होने से system में काफी प्रॉब्लम आ जाती है जैसे system को ऑपरेट करना, system shut down होना, या डाटा सको कॉपी पेस्ट करने में प्रॉब्लम आना इत्यादि. Resident Viruses problematic है क्योंकि ये system की ram में छिपकर एंटीवायरस और एंटी मैलवेयर से बच सकते है.
आज के टाइम की बात की जाये तो इसी वायरस का हिस्सा सबसे ज्यादा है ये वायरस कंप्यूटर में स्टोर फाइल्स को आसानी से infected कर सकता है.
जब हम किसी प्रोग्राम या फाइल को access करते है तो file infector virus सक्रिय हो जाता है और ये आपके system को slow कर देता है. ये वायरस डाटा फाइल को हानि पहुंचाते है जैसे .bin files, .exe files
ये वायरस ईमेल में साथ यूजर के कंप्यूटर में आ जाते है.
इस प्रकार के वायरस का इस्तेमाल ज्यादातर cybercriminals द्वारा किया जाता है. इस तरह के वायरस को पहचानना बहुत ही मुश्किल होता है. ये system को अलग अलग तरीके से effect करते है.
ये वायरस किसी एंटी मैलवेयर के चपेट में भी आता कोई भी एंटीवायरस जब इसे डिटेक्ट करता है तो ये खुद को मॉडिफाई कर लेता है इसीलिए इसे पकड़ना बहुत ही मुश्किल हो जाता है.
इस प्रकार के वायरस को non-Resident वायरस भी कहा जाता है. ये वायरस कुछ specific files पर ही attack करते है जैसे .com और .exe extension वाली files. ये वायरस कंप्यूटर की मेमोरी में hidden रहता है. harddisk root directory में ये वायरस होते है जो files को infect करते है.
ये वायरस user experience और systems performance पर attack नही करते. इसलिए इस वायरस को remove किया जा सकता है. इसे remove करने के लिए एंटीवायरस प्रोग्राम को रन करना होगा.
Macro वायरस उन सॉफ्टवेयर और programs को affect करते है जिनके macro होता है. macro वायरस ये microsoft office means word, स्प्रेडशीट, पॉवरपॉइंट जैसे files को क्षतिग्रस्त करता है इससे इनकी स्पीड स्लो हो जाती है.
macro एक अपने आप चलने वाला इनपुट अनुक्रम है जो कीबोर्ड और माउस की क्रियाओ का अनुकरण करता है.
यह computer virus किसी सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन के द्वारा ही फैलता है जब भी किसी सॉफ्टवेयर को ओपन करेंगे तो ये अपना काम चालू कर देता है इसीलिए ये भी ऑपरेटिंग सिस्टम को संक्रमित कर सकता है.
ये वायरस को सिस्टम से निकालने के लिए उन files को ही डिलीट करना पड़ता जो इससे infected होती है. ये वायरस ईमेल के जरिये सिस्टम में enter करते है इसे पहचानना बहुत ही कठिन हो जाता है.
ये खुद को overwrite कर किसी भी files या application को destroy कर सकता है.
ये वायरस बिना user की permission ही web ब्राउज़र की सेटिंग को modify कर देता है. जैसे यदि आप address बार में url डालते है तो browser hijacker आपको उस वेबसाइट में ले जाने की बजाये दूसरी infected वेबसाइट पर ले जाता है. ये आमतौर पर इस प्रकार का काम advertisement से income बढ़ाने के लिए करते है.
जैसे आजकल इन्टरनेट का बहुत उपयोग होने लगा है इसीलिए सिस्टम में वायरस फैलने का ज्यादातर मुख्य कारण भी यही है. जैसे आप कोई ऑनलाइन गेम खेल रहे है या फिर ऑनलाइन movie देख रहे है तो इससे हमारे device में वायरस आने की सम्भावना ज्यादा हो जाती है.
यदि ये वायरस आपके कंप्यूटर में आ जाता है तो आपके सिस्टम को ये स्लो कर देगा. और इस तरह के वायरस इन्टरनेट के जरिये आसानी से आ जाते है.
इस प्रकार के वायरस हार्ड डिस्क के पार्टीशन टेबल को क्षति पहुंचाते है और हार्ड डिस्क के मास्टर boot record को infect करते है. इससे डाटा को तो कोई नुकसान नही पहुंचता और ये RAM की क्षमता को कम कर देते है.
Normally, वायरस एक malicious software है जिसे हम मैलवेयर कह सकते है. ये हमारे सिस्टम में kisi भी तरीके से फ़ैल सकता है. वायरस फैलने से हमारे सिस्टम में किस तरह के लक्ष्ण दिखाई देते है. आप कैसे पता करोगे कि हमारे कंप्यूटर में वायरस आ गया है. इसीलिए आपको ऐसे ही कुछ symptoms और sign के बारे में बतायेंगे जिससे आप ये जान सकते है कि आपके कंप्यूटर में वायरस है या नही.
ऊपर दिए गये ऐसे ही कुछ लक्ष्ण है जिससे आप पता लगा सकते है कि आपके कंप्यूटर में वायरस है या नही. और हमे अपने कंप्यूटर को वायरस से बचाना बहुत जरूरी हो जाता है नही तो इससे पूरा डाटा भी नष्ट हो जाता है.
यदि हमारे कंप्यूटर में वायरस आ गया है तो इससे कैसे बचा जाये, क्या karna चाहिए कि हम अपने सिस्टम से वायरस को हटा सके.
जो भी व्यक्ति इन्टरनेट का ज्यादा इस्तेमाल करता है उन्हें इनके बचने के उपाए के बारे में जरुर जानकारी होनी चाहिए. अब मैं आपको कुछ तरीके बताने वाला हूँ जिनका प्रयोग करके आप अपने सिस्टम को Computer Virus से बच सकते है.
Latest Computer Antivirus – कुछ एंटीवायरस के नाम जो आप अपने कंप्यूटर के लिए प्रयोग कर सकते है –
Conclusion
इस पोस्ट में आपने सिखा What is Computer Virus Hindi or उसके types. दोस्तों यदि आपको इस पोस्ट से related कोई doubt है तो प्लीज comment करके बताये और हम कोशिश करेंगे अपने comment का reply करने की.
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