नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले है Generation of Computer in Hindi यानि की (कंप्यूटर की पीढ़ीयां) के बारे में अगर आप भी कंप्यूटर की जनरेशन के बारे में जानना चाहते है तो बने रहिये आज के इस आर्टिकल के साथ इसमें हम आपको बतायंगे, कंप्यूटर की सभी जनरेशन के बारे में और साथ ही सभी जनरेशन के फायदे और नुकसान के बारे में और साथ में हम आपको सभी जनरेशन के उदहारण भी बतायंगे!
Generation of Computer in Hindi
First Generation of Computer in Hindi – (कम्प्यूटर की पहली पीढ़ी)
- दोस्तों पहली पीढ़ी के कंप्यूटर वैक्यूम ट्यूब का उपयोग करते थे।
- इन कंप्यूटर के अंदर बहुत सारी वैक्यूम ट्यूब होते थे जो उन्हें अपने कार्यों के लिए शक्ति उपलब्ध कराते थे।
- ये कंप्यूटर बड़े आकार के होते थे और बहुत ही अस्थायी थे।
- इनकी स्पीड भी धीमी होती थी इसलिए बहुत समय लगता था उनके काम को पूरा करने में।
Example of first Generation – (पहली पीढ़ी के उदाहरण)
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत ही पुराने थे और आज के मानकों के मुकाबले बहुत ही कम शक्ति वाले थे। इनमें से कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:
ENIAC:
- यह पहला इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटेगर कंप्यूटर था जिसे 1945 में बनाया गया था।
- इसका उपयोग बम निर्माण में उपयोग किया जाता था। इसकी गणना क्षमता 5,000 गणनाएं प्रति सेकंड थी जो इस समय के मानकों के मुकाबले बहुत कम होती है।
UNIVAC:
- यह एक अन्य प्रसिद्ध कंप्यूटर था जो 1951 में बनाया गया था। इसे सिविल एवं सैन्य उद्योगों में उपयोग किया जाता था। इसकी गणना क्षमता 1,000 गणनाएं प्रति सेकंड थी।
Harvard Mark I:
- यह 1944 में बनाया गया था और हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया गया था।
- इसका उपयोग नौसेना में लॉजिस्टिक्स के लिए किया जाता था।
- इसकी गणना क्षमता 3-5 गणनाएं प्रति सेकंड थी।
Advantages of First Generation Computer – (पहली पीढ़ी के फायदे)
- दूसरी पीढ़ी कंप्यूटर के कुछ महत्वपूर्ण फायदे निम्नलिखित हैं:
तेजी:
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर तेज होते थे और उनकी संचार की गति भी तेज थी।
- ये कंप्यूटर पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों से कहीं अधिक तेज थे।
वैक्यूम ट्यूब:
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब बहुत सरल थे।
- वे पहली पीढ़ी के कंप्यूटर में उपयोग किए जाने वाले लंबे और भारी वैक्यूम ट्यूबों की तुलना में छोटे और सरल थे।
संचार उपकरण:
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में संचार उपकरणों में सुधार किया गया था।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर में केबलों और स्विच का उपयोग किया जाता था, जो पहली पीढ़ी के कंप्यूटर से बेहतर थे।
संचार तकनीकों का उपयोग:
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में नई संचार तकनीकों का उपयोग किया जाने लगा था जिनसे यह और भी तेज हो गए थे।
Disadvantage of first generation Computer – (पहली पीढ़ी के नुकसान)
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के कुछ नुकसान भी थे जो निम्नलिखित है!
बड़े आकार:
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत बड़े थे और अधिकतम भागों में मशीनों और वैक्यूम ट्यूब के आविष्कार से बने थे, इसलिए उन्हें लंबे समय तक चलाने के लिए विशेष ठांव की जरूरत थी।
उत्पादकता:
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की उत्पादकता कम थी और यह लंबे समय तक उपयोगी नहीं रहता था।
- उन्हें तर्कपूर्ण निष्कर्ष निकालने के लिए काफी समय लगता था।
संरचना:
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर का निर्माण करना आम तौर पर बहुत मुश्किल होता था। इनके लिए वैक्यूम ट्यूब, केबल, स्विच और अन्य संचार के उपकरणों की एक बड़ी जरूरत थी, जो उस समय में उपलब्ध नहीं थे।
उच्च वित्तीय लागत:
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर बनाने की वित्तीय लागत भी काफी उच्च थी। ये मशीन बहुत महंगे थे और उन्हें बनाने के लिए भी अधिक मुश्किलें थीं,
Second Generation of Computer in Hindi – (दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर)
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (Second Generation Computer) 1950 के दशक में विकसित हुए कंप्यूटर हैं
- जो उत्पादन में ट्रांजिस्टर का उपयोग करते थे।
- ये कंप्यूटर अपनी पूर्व पीढ़ियों की तुलना में बेहतर थे क्योंकि उनमें तकनीकी उन्नति हुई थी और ये तेज और सुविधाजनक थे।
Second Generation Computer Example-(दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण)
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर 1950 और 1960 के दशक में बनाए गए थे। इनमें ट्रांजिस्टर का उपयोग किया गया था, जो पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों में उपयोग किए जाने वाले वैक्यूम ट्यूब्स की तुलना में कम आवाज वाले, छोटे, तेज़ और ज्यादा निर्भर थे।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में तेजी, अधिक विशालकाय और सुविधाजनक भंडारण संभव होने के कारण इन्हें अधिक लोकप्रिय बनाया गया था।
- दूसरी पीढ़ी के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:
IBM 7090:
- यह कंप्यूटर 1950 और 1960 के दशक में IBM द्वारा बनाया गया था और विभिन्न उद्योगों में उपयोग किया जाता था।
UNIVAC III:
- यह कंप्यूटर 1960 के दशक में UNIVAC द्वारा बनाया गया था और सैन्य, सार्वजनिक लेखा-शीर्षक और औद्योगिक उपयोग के लिए उपलब्ध था।
IBM 1401:
- यह कंप्यूटर 1959 में IBM द्वारा बनाया गया था और विभिन्न उद्योगों में उपयोग किया जाता था।
Advantage of second Generation कंप्यूटर – (दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे)
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों के निम्नलिखित फायदे थे:
तेजी:
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर तेज थे और पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों से कई गुना तेज थे। इसलिए, इन कंप्यूटरों में डेटा को तेजी से प्रसंस्करण किया जा सकता था।
अधिक भंडारण:
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में अधिक भंडारण संभव था जो अधिक संचार और तस्वीरों को संसाधित करने के लिए उपयोगी था।
उन्नत डिजाइन:
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों का डिजाइन उन्नत था जो उन्हें अधिक सुविधाजनक और उपयोगी बनाता था।
सॉफ्टवेयर:
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों के लिए उन्नत सॉफ्टवेयर उपलब्ध थे जो इन्हें अधिक उपयोगी बनाते थे।
विस्तृत उपयोग:
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर विस्तृत उपयोग के लिए उपलब्ध थे।
- इन कंप्यूटरों का उपयोग संशोधन, गणित, औद्योगिक प्रक्रिया नियंत्रण, सैन्य उपयोग आदि में किया जाता था।
Disadvantage of Second Generation Computer – ( दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान)
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों के नुकसान निम्नलिखित थे:
महंगाई:
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर महंगे थे जो कि उन्नत हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के उपयोग के कारण होता था।
धुंधली तस्वीरें:
- इन कंप्यूटरों के सामने धुंधली तस्वीरें होती थीं, जिससे इनके उपयोग में कुछ सीमाएँ थीं।
- सामान्य लोगों के लिए उपयोगकर्ता अनुकूल नहीं:
- इन कंप्यूटरों को आम लोगों के लिए उपयोगकर्ता अनुकूल बनाना मुश्किल था। उनकी उपयोगिता सीमित थी जो उनके उपयोग का विस्तार कम करती थी।
बड़े आकार:
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर बड़े आकार के होते थे जो इनके उपयोग और उपस्थिति को मुश्किल बनाता था।
प्रोग्रामिंग की समझ में कठिनाई:
- इन कंप्यूटरों को प्रोग्राम करने के लिए उपयोगकर्ताओं को कुछ विशेष ज्ञान और कौशल की आवश्यकता होती थी जो उनकी समझ में कठिनाई पैदा करती थी।
Third Generation of Computer in Hindi – (तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर)
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर 1960 और 1970 के दशक में विकसित किए गए थे और पहली और दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों की तुलना में काफी अधिक शक्तिशाली थे। कुछ प्रमुख तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों के उदाहरण निम्नलिखित हैं:
Third Generation Computer Example -( तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण)
IBM 360:
- यह कंप्यूटर 1964 में बनाया गया था और यह व्यवसायों, सरकारी संस्थानों और अन्य संगठनों के लिए उपयोगी था। इसका उपयोग डेटा प्रोसेसिंग, बैंकिंग, रेलवे आदि में किया जाता था।
PDP-8:
- यह डिजिटल इकॉनॉमी के उदय के समय बनाया गया था। इसे 1965 में बनाया गया था और यह उस समय तक का सबसे सस्ता कंप्यूटर था।
- इसका उपयोग अनुप्रयोगों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों, विज्ञान के क्षेत्र में आदि में किया जाता था।
Cray-1:
- यह सुपरकंप्यूटर 1976 में बनाया गया था।
- इसकी गणना क्षमता बहुत अधिक थी और यह सांख्यिक विश्लेषण, मॉडलिंग और सिमुलेशन आदि के लिए उपयोगी था।
IBM System/370:
- यह कंप्यूटर 1970 के दशक में बनाया गया था। इसकी क्षमता 1 मेगाफ्लोप थी और यह व्यवसायों, सरकारी संस्थानों और विश्वविद्यालयों के लिए उपयोगी था।
DEC VAX:
- यह कंप्यूटर 1977 में बनाया गया था।
- यह माइक्रोप्रोसेसर पर आधारित था जो इसे पहले जितने कंप्यूटरों में नहीं देखा गया था।
- इसकी क्षमता 4 मेगाफ्लोप थी और यह विज्ञान, औद्योगिक उत्पादन आदि के क्षेत्रों में उपयोगी था।
Third Generation Computer Advantage in Hindi – ( तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे)
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों के उपयोग से कई फायदे हुए, जो निम्नलिखित हैं:
अधिक क्षमता:
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर अधिक क्षमता वाले होते थे जो उच्च-स्तरीय गणना करने के लिए उपयुक्त थे।
- इससे वैज्ञानिक अनुसंधान और अन्य बड़े विज्ञान प्रोजेक्ट जैसे मॉडलिंग, सिमुलेशन और बड़े डेटा सेट के संग्रह आदि के लिए उपयोगी हुए।
तेज़ संसाधन उपलब्धता
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों के आने से तेज़ संसाधन उपलब्ध होने लगे, जैसे मेमोरी, प्रोसेसर, संचार संसाधन आदि। इससे कंप्यूटर अधिक विस्तृत और अधिक गहन तैयार किए जा सकते थे।
नए उत्पादों और सेवाओं के विकास:
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर नए उत्पादों और सेवाओं के विकास के लिए भी उपयोगी हुए। उदाहरण के लिए, उन्हें उच्च-स्तरीय व्यवसाय और वित्तीय प्रणालियों के लिए उपयोग किया जा सकता था।
Disadvantage of Third Generation Computer in Hindi -(तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान)
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में कुछ नुकसान थे, जैसे:
गर्मी:
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर गर्म होते थे जो अधिक शक्ति का उपयोग करने से थोड़ी देर में ठंडे हो जाते थे, लेकिन उन्हें एक बड़ा स्पेस चाहिए होता था ताकि वे गर्म न हों।
संसाधनों की लागत:
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर बनाने की लागत अधिक थी जो संसाधनों की कमी के कारण हुई थी।
सुरक्षा समस्याएं:
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में सुरक्षा समस्याएं होती थीं, क्योंकि उन्हें काफी बड़ी नेटवर्क के साथ जोड़ा जाता था।
एक छोटी त्रुटि के कारण बड़ी समस्या:
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में एक छोटी सी त्रुटि एक बड़ी समस्या का कारण बन सकती थी। इससे अनुमान लगाना बहुत मुश्किल होता था कि आखिरकार कंप्यूटर में क्या हो रहा है।
स्केलिंग की समस्या:
- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में स्केलिंग की समस्या होती थी
Fourth Generation Computer in Hindi – ( चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर)
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के विकास ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बहुत ज़्यादा प्रगति की है!
- कंम्यूटर के चौथी पीढ़ी की शुरुआत 1985 में हुई थी!
- चौथी पीढ़ी के आने से कंप्यूटर की स्पीड और काम करने की क्षमता दोनों ही बढ़ गयी थी
- इस पीढ़ी की वजह से पर्सनल pc का उपयोग भी काफ़ी बढ़ गया है!
Third Generation Computer Example – ( तीसरी पीढ़ी के उदाहरण)
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत ही प्रभावी और शक्तिशाली होते हैं।
- कुछ चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों के उदाहरण निम्नलिखित हैं:
पीसी (Personal Computer):
- पीसी एक आम उपयोग के लिए डेस्कटॉप कंप्यूटर होते हैं, जिनमें कुछ मॉनिटर, कुंजीपटल और सिस्टम यूनिट शामिल होते हैं।
लैपटॉप:
- लैपटॉप एक पोर्टेबल कंप्यूटर होते हैं जो डेस्कटॉप कंप्यूटर की तुलना में कम वजन और कम आकार के साथ आते हैं।
गेमिंग कंप्यूटर:
- गेमिंग कंप्यूटर खेलों के लिए विशेष रूप से बनाए गए होते हैं। इनमें उन्नत ग्राफिक्स, शक्तिशाली प्रोसेसर, और बड़ी क्षमता वाली RAM शामिल होती है।
टैबलेट:
- टैबलेट एक पोर्टेबल कंप्यूटर होते हैं, जो स्क्रीन आधारित होते हैं और आमतौर पर उनमें बैटरी और अन्य संचार सुविधाएं होती हैं।
स्मार्टफोन:
- स्मार्टफोन एक पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होते हैं जो कॉल, ईमेल, संदेश भेजने, वेब ब्राउज के लिए उपयोग कर सकते है!
Advantage of Fourth Generation Computer in Hindi – (चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे)
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के बहुत से फायदे हैं, जो निम्नलिखित हैं:
बेहतर संचार:
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर नेटवर्किंग के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने से अन्य कोनों से आसानी से संचार करने की सुविधा प्रदान करते हैं। यह बिजनेस, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में संचार को सुगम बनाता है।
अधिक संगठित तथा तेज निर्णय लेने की क्षमता:
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत अधिक तेज तथा अधिक संगठित होते हैं।
- इन्हें उपयोग करने से आप त्वरित निर्णय ले सकते हैं और अपनी संगठिता में सुधार कर सकते हैं।
निरंतर अद्यतन:
- दोस्तों चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर सिस्टम अपडेट के लिए स्वतः अपडेट होते हैं, जो सुरक्षा सुधारों और नए तकनीकी फीचर्स को शामिल करता है।
अधिक उत्पादकता:
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर उत्पादकता में वृद्धि करते हैं। इनमें शक्तिशाली प्रोसेसर और अधिक RAM होती है,
Disadvantage of Fourth Generation Computer in Hindi – (चौथी पीढ़ी के नुकसान)
- पीढ़ी के कंप्यूटर के कुछ नुकसान हो सकते हैं जो निम्नलिखित हैं:
बढ़ती साइबर खतरों का सामना:
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में इंटरनेट उपलब्ध होने से, साइबर अपराधों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए, साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाए रखना बहुत जरूरी है।
विरोधाभासी सामग्री:
- इंटरनेट पर विरोधाभासी सामग्री का प्रदर्शन चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों पर भी होता है,
- जो बच्चों और युवाओं के लिए अनुचित हो सकता है।
बैटरी का अधिक खपत:
- चौथी पीढ़ी के उत्पादक ने अधिक शक्तिशाली प्रोसेसर तथा अधिक RAM के साथ-साथ स्लिम डिजाइन के साथ-साथ बैटरी के अधिक खपत के कारण समस्याएं उत्पन्न की हैं।
अधिक खर्च
- चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत अधिक मूल्यवान होते हैं।
- इनमें उच्च गुणवत्ता वाले कंपनेंट और तकनीक शामिल होते हैं, जो अधिक खर्च करने के लिए प्रेरित करते हैं।
Fifth Generation Computer in Hindi – (पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर)
- पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर अक्सर “क्वांटम कंप्यूटर” के नाम से जाने जाते हैं। ये एक नई पीढ़ी के कंप्यूटर हैं जो क्वांटम मैकेनिक्स के सिद्धांतों पर आधारित होते हैं।
- इनके अंतरिक्ष में चलने वाले क्वांटम बिट के उपयोग से इनकी क्षमताएं पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों से कई गुना ताकतवर होती हैं।
- इस पीढ़ी में AI तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जिससे Artificial Intelligence (आर्टिफिशल Intelligence) कहाँ जाता है
- पांचवी पीढ़ी में high level लैंग्वेज का उपयोग किया गया है जैसे – java और Net आदि भाषा का इस्तेमाल किया गया है !
Fifth Generation Computer Example in Hindi -( पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण)
- पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर या क्वांटम कंप्यूटर निम्नलिखित हैं:
IBM Quantum:
- IBM Quantum, जो पहले IBM Q नाम से जाना जाता था, एक उच्च गुणवत्ता वाला क्वांटम कंप्यूटर है। यह उच्च गुणवत्ता वाले व्यवसायों और शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध है।
Google Quantum:
- Google Quantum, एक और प्रमुख क्वांटम कंप्यूटिंग कंपनी है जो उन्नत क्वांटम उत्पादों के लिए जानी जाती है। यह कंपनी क्वांटम सुप्रसंगणन (quantum supercomputing) के लिए काम कर रही है और इसका उपयोग क्रिप्टोग्राफी और शोध के लिए किया जाता है।
Rigetti Quantum Computing:
- Rigetti Quantum Computing, एक अन्य क्वांटम कंप्यूटिंग कंपनी है, जो क्वांटम उत्पादों के लिए जानी जाती है। यह शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध है और क्रिप्टोग्राफी, मशीन लर्निंग, विज्ञान, और अन्य उद्योगों में अनुप्रयोग किया जाता है।
IonQ Quantum Computing:
- IonQ Quantum Computing, एक अन्य क्वांटम कंप्यूटिंग कंपनी है, जो क्वांटम उत्पादों के लिए जानी जाती है।
Advantage of Fifth Generation Computer in Hindi – ( पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे)
- पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर के कुछ मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं:
क्वांटम कंप्यूटिंग:
- पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि वे क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। क्वांटम कंप्यूटिंग कंप्यूटर विज्ञान के एक नए क्षेत्र है जो विशेष तरीके से विभिन्न तरह की समस्याओं का समाधान करने के लिए बनाया गया है। इन कंप्यूटरों का उपयोग विशेष रूप से अधिक संगठित, संदर्भात्मक और उच्च गति वाले गणनात्मक कार्यों के लिए किया जा सकता है।
- साथ ही दूरसंचार का भी विकास होता जा रहा है जो इसके संभव फायदों में शामिल है।
वायरलेस शक्ति:
- इन कंप्यूटरों में बेहतर तरीके से तकनीकी विकास होने के साथ-साथ वायरलेस शक्ति के विकास की भी संभावना है, जो यातायात में सुधार कर सकती है।
न्यूरल नेटवर्क
- ये कंप्यूटर न्यूरल नेटवर्क के लिए भी उपयोग किए जा सकते हैं।
Disadvantage of Fifth Generation Computer in Hindi – (पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के नुकसान )
- हालांकि पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटरों के कई फायदे हैं, लेकिन इनमें कुछ नुकसान भी हैं। नुकसानों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
सिक्योरिटी जोखिम:
- पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर में सुरक्षा नियंत्रण अधिक उन्नत हैं लेकिन ये कंप्यूटर भी साइबर हमलों के जोखिम से पूर्ण होते हैं।
तकनीकी समस्याएं:
- पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर अत्यधिक उन्नत तकनीक से लेकर एकदम नए सॉफ्टवेयरों तक आते हैं जो कि इन्हें कमजोर बना सकते हैं।
अभाव सुलभता:
- पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर में पुराने सॉफ्टवेयर या ड्राइवरों का समर्थन नहीं होता हो सकता है जिससे इन कंप्यूटरों का उपयोग करना कुछ कठिन हो सकता है।
पुरानी तकनीक:
- पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर एक पुरानी तकनीक पर आधारित होते हुए अपडेट नहीं होते हैं और अन्य कंप्यूटरों के साथ संघर्ष करते हुए कुछ समस्याओं का सामना कर सकते हैं।
(Conclusion) निष्कर्ष
दोस्तों उम्मीद करता हूँ आज के इस आर्टिकल में आपको काफ़ी कुछ जानने को मिला होगा!