Canonical URL क्या है | Website में इसका क्या काम है ?

जब आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग को गूगल और अन्य सर्च इंजनों में रैंक करवाना चाहते हैं, तो SEO का सही उपयोग करना बहुत जरूरी होता है। SEO में कई तकनीकी पहलू होते हैं, जिनमें से एक है “Canonical URL”।

यह एक ऐसा टर्म है, जो आपकी वेबसाइट के डुप्लिकेट कंटेंट को मैनेज करने और सर्च इंजन में सही पेज को प्राथमिकता देने में मदद करता है। इस ब्लॉग में हम Canonical URL को डिटेल में समझेंगे, इसके महत्व को जानेंगे, और इसे कैसे सही तरीके से उपयोग किया जाए, इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।


Canonical URL क्या है?

Canonical URL एक HTML तत्व (HTML tag) है, जिसे “” के रूप में जाना जाता है। इसका उपयोग यह बताने के लिए किया जाता है कि आपकी वेबसाइट के किस URL को सर्च इंजन में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। जब एक ही प्रकार का कंटेंट कई URL पर उपलब्ध होता है, तो Canonical Tag सर्च इंजन को संकेत देता है कि इनमें से कौन-सा URL “original” या “preferred” है।

उदाहरण:

इन तीनों URLs पर एक ही कंटेंट है, लेकिन Canonical URL के उपयोग से आप सर्च इंजन को बता सकते हैं कि इनमें से कौन-सा URL प्राथमिक है।


Canonical URL क्यों जरूरी है?

Canonical URL के महत्व को समझने के लिए हमें इसके फायदे जानने होंगे। यह न केवल सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) को बेहतर बनाता है, बल्कि आपकी वेबसाइट की परफॉर्मेंस को भी सुधारता है।

  1. Duplicate Content से बचाव: जब एक ही कंटेंट आपकी वेबसाइट पर विभिन्न URLs के तहत उपलब्ध होता है, तो गूगल इसे डुप्लिकेट कंटेंट मान सकता है। Canonical URL डुप्लिकेट कंटेंट की समस्या को हल करता है और गूगल को यह स्पष्ट करता है कि कौन-सा URL इंडेक्स होना चाहिए।
  2. Link Equity को Preserve करना: जब डुप्लिकेट पेज एक-दूसरे से लिंक होते हैं, तो वे लिंक जूस (Link Juice) को विभाजित कर सकते हैं। Canonical Tag का उपयोग करके आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि सारा लिंक जूस प्राथमिक URL को मिले।
  3. Crawl Budget को Optimize करना: गूगल का क्रॉलर आपकी वेबसाइट के हर पेज को क्रॉल करता है। Canonical URL का उपयोग करने से आप गूगल बॉट्स को डुप्लिकेट पेज पर समय बर्बाद करने से रोक सकते हैं।
  4. SEO Rankings में सुधार: सही Canonical URL गूगल को आपकी वेबसाइट की संरचना को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है, जिससे आपकी रैंकिंग में सुधार होता है।

Canonical URL कैसे काम करता है?

जब गूगल बॉट आपकी वेबसाइट को क्रॉल करता है, तो वह Canonical Tag को पढ़ता है और यह समझने की कोशिश करता है कि कौन-सा URL प्राथमिक है। उदाहरण के लिए, यदि आपने निम्नलिखित Canonical Tag का उपयोग किया है:

<link rel="canonical" href="https://example.com/original-page">

तो गूगल इस URL को प्राथमिकता देगा और इसे अपने इंडेक्स में जोड़ेगा। अन्य URLs को डुप्लिकेट मानकर सर्च रिजल्ट्स में नहीं दिखाएगा।


Canonical URL का उपयोग कहां और कब करें?

Canonical URL का उपयोग कई स्थितियों में किया जाता है। आइए कुछ महत्वपूर्ण उपयोग के मामलों को समझते हैं:

  1. डुप्लिकेट कंटेंट के लिए: अगर आपकी वेबसाइट पर एक ही कंटेंट विभिन्न URLs पर उपलब्ध है, तो Canonical URL का उपयोग करें।
  2. E-commerce Websites पर: प्रोडक्ट पेज, जिसमें विभिन्न फ़िल्टर या क्वेरी पैरामीटर्स के कारण डुप्लिकेट पेज बन जाते हैं, उन्हें Canonical Tag से नियंत्रित किया जा सकता है।उदाहरण:Canonical Tag:<link rel="canonical" href="https://example.com/product">
  3. HTTP और HTTPS के लिए: अगर आपकी वेबसाइट HTTP और HTTPS दोनों पर उपलब्ध है, तो Canonical URL से गूगल को बताएं कि HTTPS वर्जन प्राथमिक है।
  4. www और Non-www Versions के लिए: यदि आपकी वेबसाइट www और non-www दोनों वर्जन में उपलब्ध है, तो Canonical Tag का उपयोग करें।उदाहरण:<link rel="canonical" href="https://www.example.com">
  5. Pagination के लिए: जब आपकी वेबसाइट पर कंटेंट पेजिनेशन में विभाजित हो, तो Canonical URL का उपयोग करें।

कैनोनिकल URL को हटाने के लिए आपको HTML कोड से <link rel="canonical"> टैग को रिमूव करना होगा। यदि आपका कैनोनिकल URL गलत है, तो उसे हटाने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह सर्च इंजन के लिए सही तरीके से अपडेट हो। इसके अलावा, यदि यह CMS (जैसे WordPress) में सेट है, तो थीम सेटिंग्स या SEO प्लगइन (Yoast, Rank Math) की मदद से इसे डिलीट करें।

  • सावधानी:
    कैनोनिकल URL को हटाने से सर्च इंजन भ्रमित हो सकता है, इसलिए इसे तभी हटाएं जब पेज का डुप्लिकेट कंटेंट न हो।

HTML में कैनोनिकल URL बनाना आसान है। बस अपने वेबपेज के <head> सेक्शन में निम्नलिखित कोड जोड़ें:

htmlCopyEdit<link rel="canonical" href="https://www.example.com/page-url/" />
  • Steps to Follow:
    1. उस पेज का सही URL चुनें जिसे आप कैनोनिकल URL बनाना चाहते हैं।
    2. <link rel="canonical"> टैग में उस URL को डालें।
    3. सुनिश्चित करें कि हर पेज का अपना अलग कैनोनिकल URL हो।

किसी भी पेज का कैनोनिकल URL खोजने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाएं:

  • Inspect Element:
    अपने ब्राउज़र में Ctrl + Shift + I दबाएं और पेज के <head> सेक्शन में <link rel="canonical"> को ढूंढें।
  • SEO Tools:
    Ahrefs, SEMrush, Screaming Frog जैसे SEO टूल्स से आप पेज का कैनोनिकल URL पता कर सकते हैं।
  • View Page Source:
    पेज का सोर्स कोड खोलें और कैनोनिकल टैग को सर्च करें।

रेडायरेक्ट और कैनोनिकलाइजेशन दोनों के उपयोग के अपने-अपने समय और उद्देश्य होते हैं।

  • Use Redirects When:
    • आप पेज को स्थायी (permanently) हटाना चाहते हैं।
    • कोई पुराना पेज नए URL पर शिफ्ट किया गया हो।
    • डुप्लिकेट कंटेंट को पूरी तरह से हटा दिया गया हो।
    • Example: 301 Redirect।
  • Use Canonicalization When:
    • एक ही कंटेंट कई URL पर मौजूद हो।
    • एक ही प्रोडक्ट या पेज के अलग-अलग वेरिएशन हों।
    • Example: http://example.com और https://example.com

हां, कैनोनिकल URL क्रॉस डोमेन हो सकते हैं। यदि आपका कंटेंट कई डोमेन्स पर मौजूद है, तो आप एक डोमेन को कैनोनिकल URL के रूप में घोषित कर सकते हैं।

  • Example:
    यदि आपका कंटेंट https://example1.com/page और https://example2.com/page दोनों पर है, तो आप <link rel="canonical" href="https://example1.com/page" /> को सेट कर सकते हैं।
  • सावधानियां:
    • क्रॉस-डोमेन कैनोनिकल सेट करते समय सुनिश्चित करें कि दोनों डोमेन्स आपकी संपत्ति हैं।
    • यह सर्च इंजन को यह बताने में मदद करेगा कि कौन सा पेज प्राथमिक है।

कैनोनिकलाइजेशन का SEO पर बहुत बड़ा प्रभाव होता है। सही कैनोनिकल टैग का उपयोग सर्च इंजन को निम्नलिखित तरीकों से मदद करता है:

  • Duplicate Content को रोके:
    कैनोनिकल टैग सर्च इंजन को बताता है कि किस पेज को इंडेक्स करना है और डुप्लिकेट्स को इग्नोर करना है।
  • Link Equity को बनाए रखे:
    डुप्लिकेट पेज के बजाय, सभी बैकलिंक्स और ट्रैफिक कैनोनिकल पेज पर ट्रांसफर होते हैं।
  • Crawl Budget को बचाए:
    सर्च इंजन आपके डुप्लिकेट पेज पर समय बर्बाद करने के बजाय, आपके मुख्य पेज को बेहतर तरीके से क्रॉल करता है।

यदि सर्च इंजन आपके कैनोनिकल URL को नजरअंदाज कर रहा है, तो आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:

  1. Validate the Canonical Tag:
    सुनिश्चित करें कि कैनोनिकल टैग सही HTML सिंटैक्स में लिखा गया है।
  2. Check for Conflicts:
    यह जांचें कि पेज पर कोई दूसरा कैनोनिकल टैग या मेटा टैग तो नहीं है जो भ्रमित कर रहा हो।
  3. Inspect Redirects:
    यदि पेज पर 301 या 302 रेडायरेक्ट है, तो यह कैनोनिकल टैग को ओवरराइड कर सकता है।
  4. Submit to Search Console:
    Google Search Console में पेज का URL सबमिट करें और Google को री-कैशिंग के लिए रिक्वेस्ट करें।
  5. Audit Internal Links:
    सुनिश्चित करें कि आपके इंटरनल लिंक सही कैनोनिकल URL की ओर इशारा कर रहे हैं।

Canonical URL को सही तरीके से उपयोग करने के टिप्स

  1. Duplicate Pages की पहचान करें: सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट पर कौन-कौन से पेज डुप्लिकेट कंटेंट रखते हैं।
  2. Sitemap को अपडेट करें: हमेशा अपनी वेबसाइट के Sitemap में Canonical URLs शामिल करें।
  3. Robots.txt और Canonical Tag में तालमेल रखें: यदि आपने किसी पेज को Robots.txt के माध्यम से ब्लॉक किया है, तो उसमें Canonical Tag का उपयोग न करें।
  4. Internal Links में Canonical URL का उपयोग करें: आपकी वेबसाइट के इंटरनल लिंकिंग में हमेशा प्राथमिक URL का उपयोग करें।
  5. Dynamic URLs से बचें: यदि आपकी वेबसाइट पर Dynamic URLs हैं, तो Canonical Tag का उपयोग करके प्राथमिक URL को सेट करें।

Canonical URL और 301 Redirect: क्या अंतर है?

कई बार लोग Canonical URL और 301 Redirect के बीच भ्रमित हो जाते हैं। दोनों के अलग-अलग उपयोग हैं:

  • Canonical URL: यह गूगल को यह बताता है कि कौन-सा पेज प्राथमिक है, जबकि अन्य डुप्लिकेट पेज भी एक्सेसिबल रहते हैं।
  • 301 Redirect: यह एक पेज को स्थायी रूप से दूसरे पेज पर रीडायरेक्ट कर देता है। उपयोगकर्ता और गूगल दोनों को केवल रीडायरेक्टेड पेज दिखता है।

Canonical URL से जुड़ी सामान्य गलतियां और उनके समाधान

  1. गलत Canonical Tag का उपयोग: सुनिश्चित करें कि आपने सही URL को Canonical URL के रूप में सेट किया है।
  2. Multiple Canonical Tags: एक ही पेज पर एक से अधिक Canonical Tags न जोड़ें।
  3. Self-Referencing Canonical Tag का अभाव: हर पेज पर Self-Referencing Canonical Tag का उपयोग करें।
  4. Canonical Tag का गलत Implementation: HTML कोड में Canonical Tag को सही स्थान पर जोड़ें।

Canonical URL का SEO पर प्रभाव

  1. Better Crawling and Indexing: गूगल आपकी वेबसाइट को बेहतर तरीके से क्रॉल और इंडेक्स कर सकता है।
  2. Improved Rankings: सही Canonical URL सर्च इंजनों को सही पेज दिखाने में मदद करता है, जिससे आपकी रैंकिंग बेहतर होती है।
  3. Duplicate Content Penalty से बचाव: गूगल आपकी वेबसाइट को डुप्लिकेट कंटेंट के लिए दंडित नहीं करेगा।

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निष्कर्ष (Conclusion)

Canonical URL SEO का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह डुप्लिकेट कंटेंट को मैनेज करने, सर्च इंजन क्रॉलिंग को बेहतर बनाने और आपकी वेबसाइट की रैंकिंग सुधारने में मदद करता है।

यदि आप अपनी वेबसाइट पर Canonical URL को सही तरीके से लागू करते हैं, तो यह गूगल और अन्य सर्च इंजनों में आपकी वेबसाइट को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगा।

Canonical URL का सही उपयोग आपके SEO स्ट्रेटेजी को मजबूत बना सकता है और आपकी वेबसाइट को सर्च रिजल्ट्स के टॉप पर पहुंचा सकता है। इसलिए इसे अपनी वेबसाइट पर जरूर इंप्लीमेंट करें।

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