50 Best Short Stories in Hindi |बच्चो के लिए नैतिक कहानियाँ
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50 Best Short Stories in Hindi |बच्चो के लिए नैतिक कहानियाँ

हिंदी में लघु कथाएँ (Short Stories) बहुत ही प्रसिद्ध हैं और इस भाषा के साहित्य का महत्वपूर्ण हिस्सा बनती हैं। ये कहानियाँ विभिन्न विषयों पर आधारित होती हैं और सामाजिक, नैतिक, और मनोवैज्ञानिक संदेशों को सुलभ तरीके से प्रस्तुत करती हैं।

लघु कथाएँ सामान्यत: कुछ पंक्तियों से लेकर कुछ पृष्ठों तक की होती हैं और ये अक्सर एक निर्दिष्ट घटना, स्थिति, या चरित्र के चारों ओर घूमती होती हैं। हर लघु कथा का एक संदेश होता है, जो पाठकों को जीवन के महत्वपूर्ण तत्वों के बारे में सोचने पर मजबूर करता है।

हिंदी में लघु कथाओं का विकास कई श्रेणियों में होता है, जैसे कि बाल कथाएँ, प्रेरणादायक कहानियाँ, नाटकांश, व्यंग्य, और भूत-प्रेत कथाएँ आदि। इन कथाओं में भाषा का सुन्दर और सरल उपयोग किया जाता है ताकि पाठक उन्हें आसानी से समझ सकें।

लघु कथाएँ अक्सर पत्रिकाओं, पुस्तकों, और वेबसाइटों में प्रकाशित होती हैं, और लोगों के बीच बातचीत का विषय बनती हैं। ये कहानियाँ जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं और अक्सर एक अच्छी सीख या संदेश के साथ समाप्त होती हैं। इसलिए, लघु कथाएँ साहित्य के इस महत्वपूर्ण भाग के रूप में मानी जाती हैं।

Best Short Stories in Hindi

1 शेर और चूहे की कहानी (Short Stories) 

Short Stories

एक बार की बात है, एक जंगल में एक शेर और एक चूहा रहते थे। शेर बड़ा और भयंकर था, जबकि चूहा छोटा और अल्पशक्ति था। एक दिन, शेर ने चूहे को पकड़ लिया।

चूहा डरकर बोला, “कृपया मुझे खा मत दो, मैं तुम्हारे लिए बड़ी सहायक हो सकता हूँ।”

शेर ने हंसते हुए कहा, “तू? एक छोटा सा चूहा? मैं तुझे क्यों बख्शूं?”

चूहा ने कहा, “मुझसे इतना ही उम्मीद करो, कि मैं तुम्हारी जान बचा सकता हूँ। क्योंकि कभी-कभी छोटी चीजें भी बड़े काम कर सकती हैं।”

शेर ने सोचा और फिर कहा, “अच्छा, अगर तू मेरी जान बचा सकता है, तो मैं तुझे छोड़ देता हूं।”

चूहा ने फिर शेर को जानकारी दी कि उसके पास एक दोस्त है, जो एक बड़ा औरत चूहा है, जो अकेले ही शेर की खोपड़ी में घुस जाती है और उसकी बीमारी की चिकित्सा करती है।

शेर ने चूहे को छोड़ दिया और उसका आभार व्यक्त किया। चूहा अपनी वचनवद्धता पर खड़ा उतरा और अपने दोस्त को बुलाकर शेर की बीमारी ठीक करने के लिए उसकी सहायता की।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी छोटी चीजें भी बड़े काम कर सकती हैं और एकजुट होकर हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।

2 लालची शेर की कहानी (Short Stories) 

Short Stories

एक समय की बात है, जंगल में एक शेर रहता था। वह बहुत ही भूखा था और हमेशा ही अपनी भूख को मिटाने के लिए अन्य जानवरों की तलाश करता रहता था। एक दिन, उसने एक चूहे को पकड़ लिया। चूहा डरकर बोला, “भगवान के नाम पर, कृपया मुझे छोड़ दें, मैं छोटा हूँ और आपकी भूख को मिटा नहीं सकता।”

शेर ने हँसते हुए कहा, “तू छोटा है, लेकिन तेरी भीख मेरी भूख को मिटाने में मदद कर सकती है। अब जल्दी से मुझे खाने के लिए एक और शिकार लाओ।”

चूहे ने बहुत पछताया, लेकिन उसने सोचा कि वह खुद भी शेर का शिकार बन सकता है। इसलिए, वह शेर के पास गया और कहा, “शेर भैया, मैं एक बहुत ही शानदार और मोटा शिकार लाया हूँ।”

शेर ने पूछा, “क्या? कौन सा शिकार?”

चूहे ने उत्साहित होकर कहा, “एक और शेर!”

शेर ने खुशी से कहा, “वाह! बहुत अच्छा। तू मुझे उस शेर के पास ले चला जाना।”

चूहे ने उसे एक गहरे गड्ढे के पास ले जाकर बताया, “यहाँ वह शेर है, आप अब इसे पकड़ सकते हैं।”

शेर ने उस गड्ढे की ओर देखा और जब वह अंदर जाने की कोशिश की, तो उसकी पैर फिसल गई और वह गड्ढे में गिर गया।

चूहे ने हँसते हुए कहा, “भैया शेर, भूख की मारी हूँ, आप मुझे खा जाओ, पर बस मुझे छोड़ दो।”

शेर ने गड्ढे के बाहर उतरते हुए कहा, “तू छोटा है, लेकिन तूने एक महान काम किया है। अब जा, मैं तुझे छोड़ देता हूँ। और याद रख, भलाई करने से हमेशा फायदा होता है।”

मोरल: यह Short Stories हमें यह सिखाती है कि लालच से बचें और भलाई के मार्ग पर चलें। लालच कभी भी हमें अपनी हानि में डाल सकता है।

3 सुई देने बाला पेड़ (Short Stories) 

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एक समय की बात है, एक गाँव में एक वृक्ष था जो की अद्भुत था। इस वृक्ष का अनोखा गुण था कि यह सुईज़ देता था। लोग इसे ‘सुईज़देने वाला वृक्ष’ कहते थे। 

एक दिन, एक संत वहाँ से गुज़र रहे थे। वह वृक्ष को देखकर अच्छानक अचरज में पड़ गए। उन्होंने वृक्ष के पास जाकर पूछा, “यह वृक्ष किस प्रकार की सेवा प्रदान करता है?”

एक स्थानीय ने उत्तर दिया, “यह वृक्ष सुईज़ देता है।”

संत ने हैरानी जताते हुए कहा, “सुईज़ देने वाला वृक्ष? यह तो कोई अद्भुत बात है। क्या मैं एक सुई मिल सकती है?”

स्थानीय ने मुस्कुराते हुए कहा, “बिल्कुल, लेकिन वृक्ष इतना विशाल है कि सुईयों को पाने के लिए आपको ऊपर तक चढ़ना होगा।”

संत ने उस वृक्ष की ओर देखा और देखा कि वह कितना ऊँचा है। फिर उन्होंने कहा, “यह संभव होगा, लेकिन मैं इतने ऊँचे कैसे चढ़ सकता हूँ?”

फिर उन्होंने ध्यान से देखा, तो देखा कि वृक्ष के ऊपर बड़े-बड़े पंखे थे। उन्होंने पंखों का सहारा लिया और वृक्ष के ऊपर चढ़ने का प्रयास किया। 

जैसे ही उन्होंने वृक्ष के ऊपर पहुँचा, वहाँ पर एक सुई पाई गई। संत ने धन्यवाद कहकर सुई को अपने साथ ले आए। 

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी हमारे सामने चुनौतियाँ आती हैं, लेकिन हमें उनका सामना करने के लिए सहायता और उत्साह की आवश्यकता होती है। इसी उत्साह और सहायता से हम अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।

4 लकडहारा और सुनहरी कुल्हाड़ी (Short Stories) 

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“लकड़हारा और सुनहरी कुल्हाड़ी” एक प्रसिद्ध पंचतंत्र कहानी है। यह कहानी बच्चों को नैतिक शिक्षा देती है। निम्नलिखित है कहानी:

बहुत समय पहले, एक गाँव में एक गरीब लकड़हारा रहता था। उसका नाम था रामू। वह अपने मेहनती काम से अपने परिवार को पालता था। एक दिन वह जंगल में लकड़ी काटने गया। वह एक सुनहरी कुल्हाड़ी ढूँढ़ रहा था ताकि वह उसका उपयोग अपने घर के कामों में कर सके।

बड़ी मुश्किल से, रामू ने वहाँ एक सुनहरी कुल्हाड़ी पाई। वह बहुत खुश हो गया और उसे ले कर अपने घर लौट आया। उसने तुरंत अपनी खुशी अपने परिवार के साथ साझा की।

कुछ दिन बाद, एक आदमी रामू के घर आया और उसे सुनहरी कुल्हाड़ी के बदले में बहुत बड़ी रकम देने के लिए प्रस्ताव दिया। रामू को लालच में अकेले हाथों के उपहार में उसको दे देने का मन हुआ।

वह अपने परिवार से पराजित होकर उस आदमी से कुल्हाड़ी को बेच दिया। परिणामस्वरूप, वह अपनी सुनहरी कुल्हाड़ी खो दिया और उसने उसकी अमूल्य मूल्य का अहम हिस्सा गवा दिया।

मोरल: इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि लालच से हमेशा बचना चाहिए। इसके अलावा, हमें अपनी देनेवाली क्षमताओं को पहचानना चाहिए और उनका सही समय पर उपयोग करना चाहिए।

5 हाथी और उसके दोस्त (Short Stories) 

50 Best Short Stories in Hindi |बच्चो के लिए नैतिक कहानियाँ

बहुत समय पहले, एक जंगल में एक हाथी रहता था। वह बड़ा और भारी था, लेकिन उसका दिल बहुत ही सुसंगत और मित्रात्मक था।

एक दिन, उसने एक छोटे से कछुआ को देखा जो उसके आसपास अपनी शंकु ले कर धीरे-धीरे चल रहा था। हाथी ने उससे पूछा, “हे दोस्त, तुम इतनी धीरे क्यों चल रहे हो?”

कछुआ ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “मेरे दोस्त, जल्दी हमेशा गर्भनाल में नहीं पहुंचाती, लेकिन स्थिरता से गोल रास्ता कभी भी आपको अपने गंभीर लक्ष्य तक पहुंचा सकता है।”

हाथी ने कछुआ के बातों को समझा और दोनों दोस्त बन गए।

अगले ही दिन, एक बाघ ने उनको रास्ते में रोक लिया। बाघ ने उनसे कहा, “तुम दोनों कहाँ जा रहे हो?”

हाथी ने उत्तर दिया, “हम अपने सपनों की खोज में हैं।”

बाघ हंसते हुए बोला, “अरे, तुम दोनों को अपने सपनों की खोज करने के लिए यहाँ क्या करना है? जंगल में तो खतरे हैं।”

हाथी ने उसे विश्वास दिलाया, “हम दोनों मिलकर हैं, और हम एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ेंगे।”

बाघ उनके सपनों को सुनकर प्रेरित हुआ और उन्हें सलामती की कामना करते हुए उनके साथ खुदा हट गया।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्चे मित्र हमें अपने सपनों तक पहुंचने में मदद करते हैं। जितना हम एक-दूसरे का साथ रखते हैं, उतनी ही हमें सफलता मिलती है।

6 आलू अंडे और कॉफ़ी बीन्स (Short Stories) 

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एक गाँव में एक आलू, एक अंडा और कुछ कॉफी बीन्स एक स्टोर में मिलते थे। वे सभी बातें करते और एक-दूसरे के साथ समय बिताते थे।

एक दिन, उन्होंने एक नए विचार का सामना किया – वे सभी अपने वास्तविक उपयोग के बारे में चिंतित थे। आलू ने कहा, “मैं तो आम तौर पर खाने में प्रयोग किया जाता हूँ, क्या मुझे और अधिक उपयोग मिल सकता है?”

अंडा ने हँसते हुए कहा, “मुझे तो लोग अक्सर खाते हैं, मगर मैं भी अधिक उपयोगी हो सकता हूँ।”

कॉफी बीन्स ने भी सोचा और कहा, “हम तो बस अच्छी कॉफी बनाने के लिए ही प्रयोग होते हैं, लेकिन क्या हमें और भी उपयोग मिल सकता है?”

वे सभी एक-दूसरे की सहायता करने के लिए मिलकर विचार करने लगे। उन्होंने एक नए व्यवसाय की शुरुआत की, जिसमें आलू के रास्ते के चिप्स, अंडे के स्नैक्स, और कॉफी बीन्स की खास कॉफी बनाई जा सकती थी।

इस नए व्यवसाय के साथ, वे सभी नए रास्तों पर सफलता की ओर बढ़े और अपने सपनों को पूरा किया।

मोरल: यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें अपने संसाधनों को सही तरीके से प्रयोग करना चाहिए। हमें अपने क्षमताओं को चुनौतियों का सामना करने में मदद करने के लिए उपयोग में लाना चाहिए और नए रास्तों की खोज करने में साहसी होना चाहिए।

7 दो मेंढक (Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक जंगल में दो मेंढक रहते थे। वे दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त थे। वे हमेशा साथ मिलकर खेलते और अपने जीवन का आनंद लेते थे।

एक दिन, उन्हें बारिश के दिन में एक गहरी खाई में जाते हुए देखा गया। वे बारिश के रस्ते में अपनी खुशी भूल गए और गहरी खाई में गिर गए।

जब उन्होंने अपने आप को बाहर निकालने की कोशिश की, तो उन्हें पता चला कि वे बाहर नहीं निकल सकते क्योंकि खाई बहुत गहरी थी। उन्हें कोई बाहर निकलने का रास्ता नहीं था।

दोनों मेंढक बहुत परेशान हो गए और उन्होंने रोना शुरू कर दिया। उन्हें लगा कि अब वे कभी बाहर नहीं निकल सकेंगे और वहाँ ही मर जाएंगे।

तभी एक ज़िद्दी मेढ़क ने उसे संबोधित किया, “हे दोस्त, हम बाहर निकलने के लिए साथ मिलकर कोशिश करेंगे। हमारी जान तो वहीं के वहीं है, लेकिन हमें इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा।”

दोनों मेढ़कों ने मिलकर एक और मेढ़क की मदद से खुद को खाई से बाहर निकाल लिया। उन्होंने साथ मिलकर जान को खतरे से बचाया और सिखाया कि संघर्ष में आपसी सहायता कितनी महत्वपूर्ण होती है।

मोरल: यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें आपसी सहायता का महत्व समझना चाहिए। जब हम साथ मिलकर काम करते हैं, तो हम समस्याओं को आसानी से हल कर सकते हैं।

8 बूढ़े ब्यक्ति की कहानी (Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक गाँव में एक बूढ़ा व्यक्ति रहता था। उसका नाम था रामू और वह बहुत ही अच्छे चरित्र और ज्ञानी थे। उनके चेहरे पर विचारशीलता की झलक और अनुभवों की गहराई दिखाई देती थी।

रामू की आयु बढ़ती गई और उनके शारीरिक शक्ति में कमी होने लगी। वे अब ज्यादा समय बैठे रहते थे और घुटनों में दर्द भी होने लगा।

एक दिन, उन्हें गाँव के सर्वांगीण सभा के सदस्यों ने सम्मानित किया और उनकी बुद्धिमत्ता और अनुभव की महत्ता की बात की।

रामू ने गाँव के युवाओं को संदेश दिया, “युवा होने का मतलब यह नहीं होता कि हमें अनिवार्य रूप से किसी काम में जुटना हो। जब तक हमारे पास ज्ञान और अनुभव है, हम अपने समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।”

उन्होंने युवाओं को अपने जीवन की कहानी से यह सिखाया कि उम्र के साथ शारीरिक कमी आ सकती है, लेकिन ज्ञान और अनुभव से भरी विचारशील दृष्टि हमें समृद्धि और सफलता की ओर ले जाती है।

रामू की यह बातें गाँव के युवाओं के दिलों में गहराई तक समाई और उन्होंने उनके संदेश को अपने जीवन में अमल में लिया। इसके परिणामस्वरूप, समाज में विशेष रूप से बूढ़े व्यक्तियों के प्रति सम्मान बढ़ा और उनके साथ भागीदारी की भावना मजबूत हुई।

मोरल: रामू की कहानी हमें यह सिखाती है कि वृद्धावस्था में हमारा अनुभव और ज्ञान हमें समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मदद कर सकता है। हमें उनका सम्मान करना और उनकी सलाह को सुनना चाहिए, क्योंकि उनकी दिशा-निर्देश हमें जीवन में सही राह दिखा सकती है।

9 मुर्ख गधा (Short Stories) 

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बहुत समय पहले, एक गाँव में एक मुर्ख गधा रहता था। उसका नाम था गोपाल। वह गधा बहुत ही सीधा-साधा और भोला-भाला था, लेकिन उसकी समझ थोड़ी कमजोर थी।

एक दिन, गोपाल ने सुना कि गाँव के बाहर कुछ बिल्लियाँ रह रही हैं और वे उन्हें परेशान कर रहीं हैं। गोपाल को यह समाचार सुनकर ख़ुशी हुई, और वह सोचा कि वह उनकी मदद कर सकता है।

गोपाल ने गाँव के अन्य गधों को भी इस ख़बर के बारे में बताया। सभी गधे मिलकर बिल्लियों को बाहर निकालने की योजना बनाई।

प्लान के अनुसार, गधे गाँव के पास रहने वाले पेड़ के ऊपर चढ़ गए और अपनी बोली बंदूकें लेकर वहाँ खड़े हो गए।

जब बिल्लियाँ उन्हें देखकर डरकर भागने लगीं, तब वे अपनी मुस्कान छुपाने में लग गए।

अगले ही दिन, उन्होंने खुद को बिल्लियों के सामने हीरो के रूप में दिखाने की बात की।

परंतु, बिल्लियाँ जब उनके पास आईं, तो उन्होंने गधों को हंसते हुए देखा। बिल्लियाँ जान गईं कि वे गधों के बारे में चालाकी कर रहे थे।

इस तरह, गोपाल और उसके साथी गधे अपनी मुर्खता की वजह से शरारत में पड़ गए और बिल्लियों के लिए जो ख़तरा होता, वह ख़तरा उनके लिए ही बन गया।

मोरल: यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें जितना समझदारी से और सावधानी से किसी स्थिति का सामना करना चाहिए। मुर्खता और अज्ञानता हमें अच्छे परिणामों की ओर नहीं ले जाते।

10 लोमड़ी और अंगूर (Short Stories) 

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बहुत समय पहले, एक जंगल में एक बहुत ही चालाक और बुद्धिमान लोमड़ी रहती थी। उसका नाम था चालू। वह जंगल में हर जानवर के साथ खेलती और उनसे मित्रता करती थी।

एक दिन, चालू ने एक अंगूर के पेड़ पर बहुत सारे मीठे अंगूर देखे। वह अंगूरों के बहुत शौकीन थी और सोचती रहती कि कैसे उन्हें पाने का तरीका ढूंढ़े।

चालू की चालाकी को देखते हुए एक दिन एक बंदर ने उससे पूछा, “चालू, तुम इन सभी अंगूरों को कैसे पा सकती हो?”

चालू ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मुझे अंगूर खाना बहुत पसंद है और मैं इसे पाने के लिए चालाकी से काम करती हूँ।”

उसने बंदर को बताया कि वह एक बंदरिया बनकर अंगूर पेड़ पर चढ़ जाती है और फिर अंगूरों को तोड़ने की जाल में उलझ जाती है। जब पेड़ के निचले हिस्से पर सभी जानवर बिलकुल अचेत होते हैं, तो वह बिना किसी संकोच के अंगूरों को चुरा लेती है।

बंदर ने उसकी चालाकी की सराहना की और उसे बहुत ही बुद्धिमान कहा। लेकिन बंदर ने भी उसे समझाया कि यह चालाकी अधर्म है और यह गलत है किसी के साथ ऐसा करना।

चालू ने बंदर की सलाह मानी और अब वह सच्चे तरीके से अंगूरों को खाने का मज़ा लेती है, बिना किसी के हक को उनसे छीने।

मोरल: इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें चालाकी से किसी के साथ अन्याय करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। सच्चाई और ईमानदारी हमेशा सफलता की राह होती है।

11 रास्ते में बाधा (Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब किसान रहता था। उसका नाम था रामू। रामू को अपने छोटे से खेत में जाने के लिए हर दिन एक लंबा सफर करना पड़ता था। उसके खेत की खेती ही उसका जीवन था और वह इसे प्यार से देखता था।

एक दिन, रामू अपने खेत की ओर जा रहा था, जब उसने देखा कि रास्ते में एक बड़ी बाधा है। बाधा इतनी बड़ी थी कि कोई भी आसानी से उसके पार नहीं कर सकता था।

रामू ने सोचा, “मेरे खेत तक पहुँचने के लिए मुझे इस बाधा को हटाना होगा।” लेकिन बाधा इतनी भारी थी कि रामू के पास उसे हटाने के लिए न कोई उपकरण था और न ही कोई मदद करने वाला।

रामू को निराशा होने लगी, लेकिन तभी उसने देखा कि कुछ लोग एक-एक करके बाधा को हटाने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं। रामू ने भी उनके साथ मिलकर बाधा को हटाने में मदद की।

अंत में, उन सभी लोगों की मेहनत और साथीत्व की वजह से बाधा हट गई और रामू अपने खेत तक पहुँच गया।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि जब हम एक साथ मिलकर मिलजुलकर काम करते हैं, तो हम किसी भी मुश्किल को आसानी से पार कर सकते हैं। साथ मिलकर हमेशा अच्छे और बेहतर नतीजे मिलते हैं।

12 अहकंरी गुलाब की कहानी (Short Stories) 

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बहुत समय पहले, एक बाग़ में अनेक प्रकार के फूल खिले हुए थे। उनमें से एक गुलाब का फूल था जो अहंकारी और उच्च मति के मालिक था। वह अपनी सुंदरता और अनूठे आकर्षण के कारण अन्य फूलों को नीचा देखता था।

एक दिन, बारिश के बाद, बाग़ के फूलों के बीच खिले हुए गुलाब को अपनी खूबसूरती पर और अपने अहंकार पर गर्व था। वह खुद को सबसे श्रेष्ठ फूल मानता था और अन्य फूलों को नीचा देखता था।

एक दिन, एक बच्चा बाग़ में खेल रहा था। वह खेलते हुए गुलाब के पास गया और उसकी खूबसूरती की प्रशंसा करते हुए उसे छूने का प्रयास किया। लेकिन अहंकारी गुलाब ने उसे अपने पास नहीं आने दिया और उसे डांटते हुए कहा, “तुम मेरे समीप आने के लायक नहीं हो। मैं बहुत ही श्रेष्ठ फूल हूँ।”

बच्चा दुखी होकर चला गया। उसके चले जाने के बाद, गुलाब ने खुद को समझाया, “मैंने उस बच्चे को क्यों छूने नहीं दिया? वह तो सिर्फ खेल रहा था। मैं ने कितना अहंकारी हो गया हूँ।”

गुलाब ने अपने अहंकार को छोड़कर एक नया आत्मविश्वास और सहानुभूति की भावना विकसित की। वह फिर से अपने आप को अधिक खोल गया और अन्य फूलों के साथ भाग्यशाली रूप से खिलने लगा।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि अहंकार से बचने के लिए हमें हमेशा दूसरों के साथ सहानुभूति और भावनात्मकता दिखानी चाहिए। गर्व करने से नहीं, बल्कि संवेदनशीलता से व्यक्ति को असली सुंदरता मिलती है।

13 लालची आदमी की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक लालची आदमी था जो हमेशा पैसे और धन के बारे में सोचता रहता था। उसके पास बहुत पैसा था, लेकिन वह कभी भी संतुष्ट नहीं था। वह हमेशा और अधिक चाहता था।

एक दिन, वह जंगल में घूम रहा था। उन्होंने एक अद्भुत गुफा देखी। उसने गुफा में प्रवेश किया और देखा कि यह सोने और हीरों से भरी हुई है। लालची आदमी बहुत खुश हुआ। उसने सोचा कि अब वह दुनिया का सबसे अमीर आदमी बन जाएगा।

लालची आदमी ने जितना सोना और हीरे उठा सकता था उठा लिया। वह इतना लालची था कि वह गुफा से बाहर निकलने का रास्ता भूल गया। वह गुफा में फंस गया और भूख और प्यास से मर गया।

लालची आदमी की कहानी हमें सिखाती है कि लालच एक बुरा गुण है। हमें कभी भी लालची नहीं होना चाहिए। हमें जो कुछ भी है, उसके लिए हमें संतुष्ट रहना चाहिए।

नैतिक शिक्षा:

  • लालच एक बुरा गुण है।
  • हमें कभी भी लालची नहीं होना चाहिए।
  • हमें जो कुछ भी है, उसके लिए हमें संतुष्ट रहना चाहिए।
  • धन और भौतिक संपत्ति जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीजें नहीं हैं।
  • हमें अपने परिवार और दोस्तों के साथ प्यार और खुशी का जीवन जीना चाहिए।

यहाँ कुछ अन्य कहानियाँ हैं जो लालच के नकारात्मक प्रभावों को दर्शाती हैं:

  • राजा Midas की कहानी
  • लालची कुत्ते की कहानी
  • लालची लोमड़ी की कहानी

हमें इन कहानियों से सीख लेनी चाहिए और लालच से दूर रहना चाहिए।

15 चींटी और हाथी की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक विशालकाय हाथी जंगल में घूम रहा था। उसे अचानक एक छोटी चींटी दिखाई दी जो धूप में बैठी थी। हाथी को गुस्सा आ गया और उसने चींटी को कुचलने का फैसला किया।

चींटी को हाथी का इरादा समझ में आ गया। उसने हाथी से विनती की, “हे महान हाथी, क्षमा करें। मैं बहुत छोटी हूं और आपका रास्ता नहीं रोक सकती। कृपया मुझे कुचलें नहीं।”

हाथी को चींटी की विनती सुनकर हंसी आ गई। उसने कहा, “तुम्हें कौन बचा सकता है? तुम्हें कुचलने में मुझे केवल एक पल लगेगा।”

चींटी ने कहा, “मैं छोटी हूं, परंतु मेरे भी मित्र हैं। यदि आप मुझे कुचलेंगे, तो वे आपको सबक सिखाएंगे।”

हाथी को चींटी की बातों पर गुस्सा आ गया। उसने सोचा, “यह छोटी चींटी मुझे धमका रही है। मैं उसे अभी कुचल देता हूं।”

हाथी अपना पैर उठाने ही वाला था कि तभी चींटियों का एक झुंड वहां आ गया। उन्होंने देखा कि हाथी उनकी दोस्त को कुचलने वाला है। चींटियों ने हाथी पर हमला कर दिया।

हाथी को चींटियों के काटने से बहुत दर्द हुआ। वह चींटियों से बचने के लिए जंगल में भाग गया।

चींटी ने कहा, “यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए। कभी-कभी छोटे लोग भी बड़े लोगों को हरा सकते हैं।”

नैतिक शिक्षा:

  • हमें कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए।
  • एकता में बल होता है।
  • हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए।

यह Short Stories हमें सिखाती है कि हमें कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए। कभी-कभी छोटे लोग भी बड़े लोगों को हरा सकते हैं। एकता में बल होता है। हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए.

16 क्रिस्टल बॉल की कहानी(Short Stories) 

Short Stories

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब लड़का रहता था। उसका नाम राजू था। राजू बहुत ही दयालु और ईमानदार था। वह हमेशा दूसरों की मदद करता था।

एक दिन, राजू जंगल में घूम रहा था। उसे वहां एक अद्भुत क्रिस्टल बॉल मिली। क्रिस्टल बॉल बहुत ही सुंदर थी। राजू ने उसे अपने घर ले लिया।

राजू को पता था कि क्रिस्टल बॉल जादुई है। उसने क्रिस्टल बॉल से कहा, “मुझे एक अमीर आदमी बना दो।” क्रिस्टल बॉल ने राजू की इच्छा पूरी कर दी। राजू रातोंरात अमीर बन गया।

राजू बहुत खुश हुआ। उसने सोचा कि अब वह अपने जीवन का आनंद ले सकता है। लेकिन कुछ दिनों बाद, राजू को एहसास हुआ कि वह खुश नहीं है। उसे अपने दोस्तों और परिवार की याद आने लगी।

राजू ने क्रिस्टल बॉल से कहा, “मुझे वापस गरीब बना दो। मैं अमीर होने से खुश नहीं हूं।” क्रिस्टल बॉल ने राजू की इच्छा पूरी कर दी। राजू वापस गरीब बन गया।

लेकिन इस बार, राजू बहुत खुश था। उसे पता था कि उसे सच्ची खुशी पैसा नहीं, बल्कि उसके दोस्त और परिवार में मिल सकती है।

नैतिक शिक्षा:

  • सच्ची खुशी पैसा नहीं, बल्कि प्यार और दोस्ती में मिलती है।
  • हमें कभी भी अपनी इच्छाओं के लिए दूसरों को दुखी नहीं करना चाहिए।
  • हमें हमेशा दूसरों के प्रति दयालु और विचारशील होना चाहिए।

यह Short Stories हमें सिखाती है कि सच्ची खुशी पैसा नहीं, बल्कि प्यार और दोस्ती में मिलती है। हमें कभी भी अपनी इच्छाओं के लिए दूसरों को दुखी नहीं करना चाहिए। हमें हमेशा दूसरों के प्रति दयालु और विचारशील होना चाहिए।

17 कुत्ता और हड्डी की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक कुत्ता नदी के किनारे हड्डी लेकर टहल रहा था। उसने हड्डी को अपने मुंह में पकड़ रखा था। वह हड्डी को लेकर बहुत खुश था।

अचानक, कुत्ते को पानी में अपनी छाया दिखाई दी। उसे छाया में एक और कुत्ता दिखाई दिया जो उसके मुंह में भी हड्डी पकड़ रहा था। कुत्ते को अपनी हड्डी से भी बड़ी हड्डी चाहिए थी।

कुत्ते ने पानी में कूदकर दूसरी हड्डी को छीनने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही उसने पानी में छलांग लगाई, उसके मुंह से हड्डी गिर गई और पानी में बह गई।

कुत्ते को अपनी हड्डी खोकर बहुत पछतावा हुआ। उसने सीखा कि हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए। हमें जो कुछ भी है, उसके लिए हमें संतुष्ट रहना चाहिए।

नैतिक शिक्षा:

  • हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए।
  • हमें जो कुछ भी है, उसके लिए हमें संतुष्ट रहना चाहिए।
  • लालच हमें हमेशा दुख देता है।

यह Short Stories हमें सिखाती है कि हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए। लालच हमें हमेशा दुख देता है। हमें जो कुछ भी है, उसके लिए हमें संतुष्ट रहना चाहिए.

18 झूठा लड़का और भेड़िये की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था। उसका काम भेड़ों को चराना था। वह अक्सर ऊब जाता था और मस्ती करने के लिए झूठ बोलता था।

एक दिन, जब वह भेड़ों को चरा रहा था, तो उसने गाँव वालों को चिल्लाते हुए कहा, “भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया आ गया है!” गाँव वाले डर गए और लड़के की मदद करने के लिए दौड़ते हुए आए।

लेकिन जब वे वहाँ पहुंचे, तो उन्होंने कोई भेड़िया नहीं देखा। लड़के ने हंसते हुए कहा, “मैंने सिर्फ मजाक किया था।”

गाँव वाले लड़के से बहुत नाराज थे। उन्होंने कहा, “तुम्हें झूठ नहीं बोलना चाहिए।”

कुछ दिनों बाद, लड़के ने फिर से वही काम किया। उसने चिल्लाकर कहा, “भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया आ गया है!”

लेकिन इस बार, गाँव वाले उसकी बातों पर विश्वास नहीं करते थे। उन्होंने सोचा कि वह फिर से मजाक कर रहा है।

लेकिन इस बार, सच में भेड़िया आ गया था। लड़के ने चिल्लाकर मदद मांगी, लेकिन गाँव वालों ने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया।

भेड़िये ने कई भेड़ों को मार डाला और भाग गया। लड़के को अपनी गलती का एहसास हुआ।

उसने सीखा कि हमें कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। झूठ बोलने से हमें और दूसरों को भी नुकसान हो सकता है।

नैतिक शिक्षा:

  • हमें कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।
  • झूठ बोलने से हमें और दूसरों को भी नुकसान हो सकता है।
  • हमें हमेशा सच बोलना चाहिए।

यह Short Stories हमें सिखाती है कि हमें कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। झूठ बोलने से हमें और दूसरों को भी नुकसान हो सकता है। हमें हमेशा सच बोलना चाहिए.

19 दूधवाली और उसके सपने की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक गरीब दूधवाली थी। उसके पास एक गाय थी और वह हर सुबह दूध बेचकर अपना गुजारा करती थी। वह गरीब थी, लेकिन उसके सपने बहुत बड़े थे।

दूधवाली का सपना था कि एक दिन उसके पास एक बड़ा घर होगा, जिसमें वह अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी रहेगी। उसका सपना था कि उसके बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त करेंगे और सफल जीवन जीएंगे।

दूधवाली हर दिन कड़ी मेहनत करती थी। वह सुबह जल्दी उठती थी और अपनी गाय को चारा खिलाती थी। फिर वह दूध निकालकर शहर में बेचने जाती थी।

दूधवाली अपनी कमाई का कुछ हिस्सा बचाती थी। वह जानती थी कि अगर वह बचाएगी, तो ही वह अपने सपनों को पूरा कर पाएगी।

कुछ सालों बाद, दूधवाली ने इतने पैसे बचा लिए कि उसने एक छोटा सा घर खरीद लिया। वह बहुत खुश थी। उसका सपना आधा पूरा हो गया था।

दूधवाली ने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाई। उसके बच्चे बहुत मेहनती थे और उन्होंने अच्छे अंक प्राप्त किए।

कुछ सालों बाद, दूधवाली के बच्चे बड़े हो गए और उन्होंने अच्छी नौकरी पा ली। उन्होंने अपनी मां के लिए एक बड़ा और सुंदर घर खरीदा।

दूधवाली बहुत खुश थी। उसके सभी सपने पूरे हो गए थे। उसने अपनी मेहनत और लगन से सब कुछ हासिल कर लिया था।

नैतिक शिक्षा:

  • हमें कभी भी अपने सपनों को नहीं छोड़ना चाहिए।
  • मेहनत और लगन से हम सब कुछ हासिल कर सकते हैं।
  • हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।

यह Short Stories हमें सिखाती है कि हमें कभी भी अपने सपनों को नहीं छोड़ना चाहिए। मेहनत और लगन से हम सब कुछ हासिल कर सकते हैं। हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए.

20 सर्कस के हाथी की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक विशालकाय हाथी जंगल में घूम रहा था। उसे अचानक एक छोटी चींटी दिखाई दी जो धूप में बैठी थी। हाथी को गुस्सा आ गया और उसने चींटी को कुचलने का फैसला किया।

चींटी को हाथी का इरादा समझ में आ गया। उसने हाथी से विनती की, “हे महान हाथी, क्षमा करें। मैं बहुत छोटी हूं और आपका रास्ता नहीं रोक सकती। कृपया मुझे कुचलें नहीं।”

हाथी को चींटी की विनती सुनकर हंसी आ गई। उसने कहा, “तुम्हें कौन बचा सकता है? तुम्हें कुचलने में मुझे केवल एक पल लगेगा।”

चींटी ने कहा, “मैं छोटी हूं, परंतु मेरे भी मित्र हैं। यदि आप मुझे कुचलेंगे, तो वे आपको सबक सिखाएंगे।”

हाथी को चींटी की बातों पर गुस्सा आ गया। उसने सोचा, “यह छोटी चींटी मुझे धमका रही है। मैं उसे अभी कुचल देता हूं।”

हाथी अपना पैर उठाने ही वाला था कि तभी चींटियों का एक झुंड वहां आ गया। उन्होंने देखा कि हाथी उनकी दोस्त को कुचलने वाला है। चींटियों ने हाथी पर हमला कर दिया।

हाथी को चींटियों के काटने से बहुत दर्द हुआ। वह चींटियों से बचने के लिए जंगल में भाग गया।

चींटी ने कहा, “यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए। कभी-कभी छोटे लोग भी बड़े लोगों को हरा सकते हैं।”

नैतिक शिक्षा:

  • हमें कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए।
  • एकता में बल होता है।
  • हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए।

यह Short Stories हमें सिखाती है कि हमें कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए। कभी-कभी छोटे लोग भी बड़े लोगों को हरा सकते हैं। एकता में बल होता है। हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए.

लेकिन सर्कस के हाथी की कहानी थोड़ी अलग है। इस कहानी में, हाथी को सर्कस में प्रदर्शन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। उसे रस्सियों से बांधकर रखा जाता है और उसे कई तरह के करतब करने के लिए मजबूर किया जाता है।

हाथी बहुत शक्तिशाली होता है, लेकिन वह रस्सियों से बंधा होने के कारण अपनी शक्ति का उपयोग नहीं कर सकता। वह अपनी स्वतंत्रता खो चुका है और उसे सर्कस में प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया जाता है।

यह Short Stories हमें सिखाती है कि हमें कभी भी अपनी स्वतंत्रता नहीं खोनी चाहिए। हमें हमेशा अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ना चाहिए।

इस कहानी का नैतिक शिक्षा:

  • हमें कभी भी अपनी स्वतंत्रता नहीं खोनी चाहिए।
  • हमें हमेशा अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ना चाहिए।
  • हमें दूसरों की स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए।

21 मिडास का सुनहरा स्पर्श(Short Stories) 

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“मिडास का सुनहरा स्पर्श” एक प्राचीन ग्रीक मिथक की कहानी है जो धन की महत्वता और लालच के विषय पर आधारित है। इस कहानी में एक राजा होता है जिनका नाम मिडास था। वह धन की भूखी और लालची था।

मिडास की खासियत थी कि वह सोने को बहुत प्रिय था। उसे लगता था कि सोना उसके सभी समस्याओं का समाधान है और धन की अधिकता उसकी सभी खुशियों का कारण है।

एक दिन, उसने एक विश्वासी महात्मा को अपने दरबार में बुलाया। मिडास ने महात्मा को स्वागत किया और उन्हें एक विशेष स्थान पर बैठाया। ताजमहल में उसने महात्मा को स्वागत किया और उन्हें एक विशेष स्थान पर बैठाया। उसने उनके शीघ्र विचारों के लिए उत्तेजित होकर उन्हें बड़ी चीजें देखने के लिए अनुरोध किया। मिडास ने महात्मा के पास जाकर कहा, “महाराज, मैंने बड़ा आशीर्वाद प्राप्त किया है कि मैं किसी भी वस्तु को स्पर्श करता हूं, वह सोना बन जाता है।”

महात्मा ने मिडास के इस अभिवादन को चुपचाप सुना। फिर वे उन्हें एक सिखावट दी। महात्मा ने कहा, “मिडास, तुम्हारा यह अभिवादन तुम्हें बड़ी मुश्किल में डाल सकता है। धन की मानवता का सही अर्थ यह नहीं है कि तुम धन की हवस में डूब जाओ।”

मिडास ने महात्मा के उपदेश को नजरअंदाज किया और उन्हें बोलते हुए कहा, “मुझे धन की इतनी हवस है कि मुझे लगता है कि मेरी हर इच्छा को पूरा करने के लिए मुझे केवल धन की आवश्यकता है।”

मिडास ने महात्मा के उपदेश को नजरअंदाज किया और उन्हें बोलते हुए कहा, “मुझे धन की इतनी हवस है कि मुझे लगता है कि मेरी हर इच्छा को पूरा करने के लिए मुझे केवल धन की आवश्यकता है।”

जब मिडास ने एक गुलाब को स्पर्श किया, वह सोने में परिवर्तित हो गया। वह बहुत खुश था कि उसने इतना सोना प्राप्त किया। लेकिन जब उसने अपनी पत्नी को गले लगाया, तो वह भी सोने में परिवर्तित हो गई। अब मिडास ने दुखी होकर अपने घर की ओर बढ़ा, और जब उसने अपने बेटे को छूने की कोश

िश की, तो उसके बेटे भी सोने में परिवर्तित हो गए। इसके बाद, वह सभी चीजों को हाथ लगाने से डर गया। वह अपने धन के कारण अपने परिवार से दूर हो गया था।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि धन की हवस और लालच से हमें दूसरों की भावनाओं को नष्ट कर दिया जा सकता है। असली सुख और समृद्धि मानवता, प्रेम, और सम्मान में होती है, न कि सोने और धन में।

22 तीन मछलियाँ की कहानी (Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक सुंदर झील में तीन मछलियाँ रहती थीं। ये तीनों मछलियाँ बहुत ही अच्छी दोस्त थीं। उनकी दोस्ती में खेलना, खाना बांटना और एक-दूसरे के साथ वक्त बिताना शामिल था।

एक दिन, उन्होंने अपनी झील के पास एक गहरे जलबिंदु को देखा। उनमें से एक मछली ने कहा, “हमें वहाँ जाना चाहिए। वहाँ कुछ नया और रोमांचक हो सकता है।”

दूसरी मछली ने कहा, “लेकिन हमें अपनी झील में सभी बातें मिलती हैं। क्यों हमें यहाँ से बाहर जाना है?”

तीसरी मछली ने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, लेकिन नया अनुभव पाने के लिए हमें कुछ नई जगहें देखनी चाहिए।”

उन तीनों मछलियों ने मिलकर निर्णय किया कि वे उस गहरे जलबिंदु में जाएंगी। धीरे-धीरे, वे अपनी झील से बाहर निकलीं और उस गहरे जलबिंदु में पहुँच गईं।

वहाँ पहुँचकर, वे बहुत ही सुंदर और अनोखे जलबिंदु का आनंद लेने लगीं। उन्हें वहाँ नए और रोमांचक जीवन का अनुभव हुआ। उन्होंने वहाँ अनेक नयी मजेदार चीजें देखीं और सीखीं।

तीनों मछलियों को उनका निर्णय लेने के लिए बहुत ही खुशी हुई। वे अब जानती थीं कि कभी-कभी हमें अपनी सीमाओं से बाहर निकलना चाहिए, ताकि हम नए अनुभवों का आनंद ले सकें।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें नयी चीजों का अनुभव करने के लिए हमेशा खुले मन से रहना चाहिए। अपनी सीमाओं को पार करके हम नए और रोमांचक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं और उनसे सीख सकते हैं।

23 कौवों की गिनती की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक छोटा सा बच्चा रहता था जिसका नाम राजू था। राजू के गाँव में बहुत सारे कौवे रहते थे। वे गाँव के हर कोने में घूमते फिरते और अपने चालाकियों से लोगों को परेशान करते रहते थे।

राजू बहुत ही निराश था क्योंकि वह कभी भी अपने बचपन को खुशी और शांति में नहीं गुजार सकता था। उसने देखा कि कौवे हमेशा उसके आस-पास चारों ओर उड़ते रहते हैं, कुछ न कुछ चोरी करते रहते हैं और फिर गाँव के दूसरे कोने में उड़ चले जाते हैं।

राजू को यह समझ आ गया कि वह कौवों की गिनती कर सकता है और उन्हें इस संदेश के साथ समझा सकता है कि वे उसके गाँव में आकर चोरी नहीं करें। इसलिए, उसने एक योजना बनाई कि वह कौवों को गिनने का प्रयास करेगा।

राजू ने अपने दोस्तों से सहायता मांगी और उन्हें बताया कि उन्हें कौवों की गिनती करने में मदद करने की आवश्यकता है। उनके दोस्तों ने तुरंत उनके साथ मिलकर कौवों की गिनती शुरू की।

राजू और उसके दोस्तों ने ध्यान से हर कौवे को गिना, और अंत में उन्होंने गाँव में कुल 23 कौवे का पता लगाया। फिर राजू ने एक बड़ा पोस्टर बनाया और उसमें लिखा, “ध्यान दो! गाँव में कुल 23 कौवे हैं, और हर कोई उन्हें अपने साथी के बारे में समझाएगा।”

इसके बाद, कौवे गाँव में चोरी और उथल-पुथल करने से बच गए और राजू ने अपने गाँव को सुरक्षित बनाया।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें समाज में अपना योगदान देना चाहिए और अपने समाज को सुरक्षित और खुशहाल बनाने के लिए कोई भी उपाय अच्छा होता है।

24  हाथी और कुत्ता की कहानी (Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक जंगल में एक हाथी और एक कुत्ता दोस्त थे। वे बहुत ही अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक-दूसरे के साथ समय बिताते थे।

एक दिन, जंगल में एक बड़ा शेर आया और उनके डरावने शोर के कारण सभी जानवर भागने लगे। हाथी और कुत्ता भी भागने लगे, लेकिन रास्ते में हाथी अपने पैर में चोट लगा और गिर गया।

कुत्ता ने अपने दोस्त को छोड़कर शेर को भगाने के लिए दौड़ा, लेकिन शेर बहुत बड़ा और खतरनाक था। फिर भी, कुत्ता ने शेर को लालच में फंसा देखा और उसे एक झोंक में जाकर चबाने लगा।

हाथी, जो अब पैर उठाने में असमर्थ था, ने देखा कि कुत्ता अपने जीवन को जोखिम में डाल रहा है ताकि वह उसे बचा सके। इसके बाद, हाथी ने भी अपने शक्तिशाली गर्जने के साथ शेर को धमकाया और शेर भाग गया।

कुत्ता ने फिर अपने दोस्त के पास वापस आकर उसे देखा और कहा, “तूने अपनी जान खतरे में डाली ताकि मैं बच सकूं। धन्यवाद, मेरे दोस्त!”

हाथी ने हंसते हुए कहा, “तूने मेरी मदद की जिसके लिए मैं तुझे कभी भूल नहीं सकता। हमेशा एक-दूसरे के साथ होंगे, चाहे कुछ भी हो।”

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्ची मित्रता में दोस्त एक-दूसरे के लिए किसी भी परिस्थिति में खुद को बलिदान करने के लिए तैयार रहते हैं। यहाँ, हाथी ने अपने दोस्त की मदद के लिए जो चलाकी और साहस दिखाया, वह सच

25   लोमड़ी और सारस की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक लोमड़ी (फॉक्स) और एक सारस (स्वान) दोस्त थे। वे एक छोटे से झील के पास रहते थे। ये दोनों अक्सर साथ में घूमते और खेलते थे।

एक दिन, लोमड़ी ने एक बड़ा मछली पकड़ लिया। वह खुश थी और सोच रही थी कि कैसे इसे खाऊंगी। तभी उसने सारस को बुलाया और उसे देखने के लिए उसे अपने पास बुलाया।

लोमड़ी ने सारस से कहा, “देखो, मैंने एक बड़ी मछली पकड़ी है! यह मेरा भोजन होगा, लेकिन मुझे इसे पकड़ने में बहुत मेहनत की है।”

सारस ने मुस्कुराते हुए कहा, “लोमड़ी, तुम तो एक बहुत ही चालाक और बुद्धिमान जानवर हो! मुझे यकीन है कि तुम्हारा भोजन स्वादिष्ट होगा। लेकिन क्या तुम मुझे एक छोटी सी टुकड़ी दे सकते हो?”

लोमड़ी ने अपने दोस्त की बात सुनी और स्वीकार किया। उसने मछली को टुकड़ों में बाँट दिया और दोनों ने एक साथ खाना शुरू किया।

सारस ने कहा, “धन्यवाद, लोमड़ी! तुमने मेरे साथ अपना भोजन साझा किया।”

लोमड़ी ने कहा, “कोई बात नहीं, सारस! दोस्ती में सभी कुछ साझा किया जाता है।”

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्ची मित्रता में हमें दोस्त के साथ सहयोग और साझेदारी का अहसास होता है। लोमड़ी ने सारस के साथ अपने भोजन को साझा करके उसकी भावनाओं की ध्यान रखा, जो सच्ची मित्रता का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

26 तेनालीराम और चोरो कहानी (Short Stories) 

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एक बार की बात है, तेनालीराम के गाँव में एक बार बहुत से चोर आ गए। वे गाँव के लोगों के घरों में चोरी करके बहुत सामान लेकर चले गए। गाँव के लोगों ने इसे पुलिस को सूचित किया और पुलिस अब चोरों की तलाश में निकली।

तेनालीराम ने सुना कि चोरों ने उनके पड़ोस में एक गुप्त स्थान में लूट का सामान छिपा रखा है। तेनालीराम ने देखा कि चोरों का सामान छिपाने का तरीका बहुत चतुर है।

तेनालीराम ने सोचा कि वह कैसे चोरों को पकड़े और सामान को लौटाये। उन्होंने एक योजना बनाई।

तेनालीराम ने गाँव के लोगों को एक सभा बुलवाई और सभा में सभी लोग आए। तेनालीराम ने बोला, “मैंने सपने में देखा कि चोरों ने हमारे गाँव के सभी घरों में चोरी की है।”

जब लोगों ने सुना कि चोरों ने उनके घरों में चोरी की है, तो सभी लोग चिंतित हो गए और उन्हें चोरों से बचाने के लिए उन्होंने एक साथ मिलकर योजना बनाई।

तेनालीराम ने बोला, “मुझे लगता है कि हमें सभी लोगों को एक साथ उन घरों की जाँच करनी चाहिए जिनमें चोरी हुई है।” लोगों ने तेनालीराम की सलाह मानी और सभी मिलकर उन घरों की जाँच की।

जब चोरों ने देखा कि लोग उनकी तरफ आ रहे हैं, तो उन्हें डर गया। वे जल्दी से गाँव छोड़कर भाग गए।

तेनालीराम की योजना कामयाब हुई और चोरों ने गाँव छोड़ दिया। गाँव के लोगों ने तेनालीराम की योजना की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया। इससे चोरों ने उनके गाँव के लोगों की सुरक्षा को बचाया और तेनालीराम को उनकी चतुराई का सम्मान मिला।

27 सुनहरे हंस की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक छोटा सा बच्चा रहता था जिसका नाम राहुल था। राहुल का सपना था कि वह किसी नए और अद्वितीय प्राणी को देखे। उसे जंगल के चिड़ियाघर जाने का बहुत शौक था। 

एक दिन, उसके पिताजी ने उसे जंगल के चिड़ियाघर ले जाने का फैसला किया। राहुल को बहुत खुशी हुई और वह उत्साहित होकर चिड़ियाघर की यात्रा के लिए तैयार हो गया।

चिड़ियाघर में राहुल ने कई प्राणियों को देखा, लेकिन उसका सर्वाधिक ध्यान एक सुंदर सोने के रंग के हंस पर गया। यह हंस बहुत ही आकर्षक था और उसके नेत्र चमकते हुए दिखाई देते थे।

राहुल ने देखा कि वह हंस किसी और से अलग था, उसका अद्भुत रंग और उसकी गर्दन पर सोने की रेखाएँ उसे बहुत ही अद्भुत बनाती थीं। राहुल को उस हंस में कुछ विशेषता महसूस होने लगी।

घर लौटने पर भी, राहुल का मन उस हंस के प्रति आकर्षित रहा। उसने अपने दोस्तों को उस हंस के बारे में बताया और वहाँ की यात्रा के अनुभव को साझा किया।

वह जानता था कि वह हंस उसके जीवन का एक विशेष हिस्सा बन गया था, जिसने उसकी यात्रा को अद्वितीय बनाया। राहुल को समझ में आया कि समृद्धि और शांति के साथ उसका जीवन सुंदर और खुशहाल हो सकता है, जैसे कि उस हंस की प्रतिष्ठा और सौंदर्य की छाया।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि विशेषता हमें हमारे चारों ओर के साधारण चीज़ों को महसूस करने की क्षमता प्रदान करती है और हमें जीवन की सुंदरता को समझने की क्षमता प्रदान करती है। इसी तरह, हर एक प्राणी और हर एक वस्तु में एक खासियत होती है, जिसे हमें महसूस करना चाहिए।

28 शेतन बिल्ली और चूहे की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक बिल्ली रहती थी। वह बहुत ही शैतानिक और चालाक थी। वह हमेशा ही अपने मकान में सुख-शांति से रहती थी, लेकिन उसे उसके पड़ोसी चूहे की नजर अच्छी तरह से पकड़ी हुई थी।

चूहे के मकान में बहुत सारी खासियतें थीं, जैसे कि उसका मकान बिल्ली के मकान से बड़ा और अधिक सुरक्षित था। चूहा हमेशा बिल्ली की आँखों में नजर रखता था, क्योंकि वह जानता था कि बिल्ली उसके खासियतों के बारे में जानने का प्रयास कर रही है।

एक दिन, बिल्ली ने एक योजना बनाया कि वह चूहे को अपने मकान से बाहर निकाले। बिल्ली ने एक प्लास्टिक काँटा खरीदकर अपने मकान के द्वार पर रख दिया।

जैसे ही चूहे बिल्ली के मकान के पास आया, वह प्लास्टिक काँटे में फंस गया। चूहे ने बहुत कोशिश की लेकिन वह निकल नहीं पाया। उसने बिल्ली से मदद मांगी, लेकिन बिल्ली ने उसकी मदद नहीं की।

बिल्ली ने कहा, “तू मेरा दुश्मन है और मैं तेरी मदद नहीं करूंगी।”

चूहे ने गुस्से में कहा, “तू हमेशा धोखा देती है, लेकिन तू मुझे इस तरह फंसाने की कोशिश कर रही है।”

बिल्ली ने कहा, “हां, मैं तुझसे धोखा देती हूँ, लेकिन इसमें कुछ भी नया नहीं है। अब जाओ, तुम्हें अपने मकान से बाहर निकालना है।”

इस पर, चूहे ने दोबारा बिल्ली के मकान के पास जाकर उसे धोखा देने की कोशिश की, लेकिन इस बार बिल्ली ने उसे धोका दिया और चूहे को अपने मकान से निकाल दिया।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि हमारे दुश्मन हमेशा हमें धोखा देने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन हमें उनकी चालाकी को पहचानना चाहिए और उनसे सावधान रहना चाहिए।

29 गौरिया, चूहे और एक शिकारी की कहानी(Short Stories) 

Short Stories

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गौरिया रहती थी। वह गाँव के पास के जंगल में रहती थी और उसका एक बहुत ही अच्छा और सुरक्षित मकान था। गौरिया का जीवन खुशहाल और शांतिपूर्ण था।

एक दिन, गौरिया को चूहे से मिला। चूहा भी गाँव के पास के जंगल में रहता था। गौरिया और चूहे ने एक-दूसरे के साथ दोस्ती की और उनका समय बिताने लगे। गौरिया ने चूहे को अपने मकान में आने की अनुमति दी और वह दोनों बहुत मज़े करते थे।

एक दिन, जंगल में एक शिकारी आ गया। वह शिकार करने के लिए जंगल में आया था। गौरिया ने अपने दोस्त चूहे को देखकर उसे चेताया, “ध्यान दें, चूहे, एक शिकारी आ गया है!” चूहा डर गया, लेकिन गौरिया ने उसे अपने मकान में छुपने की सलाह दी।

शिकारी ने जंगल में अपना शिकार करना शुरू किया। चूहे ने गौरिया के उपाय को माना और उसने गौरिया के मकान में छुप लिया। शिकारी ने गौरिया को देख लिया और अपना तंबू के द्वार पर खड़ा कर दिया। वह गौरिया को पकड़ने के लिए तैयार हो गया।

गौरिया ने शिकारी के नजर में आते हुए अपने उपाय से बचने का प्रयास किया, लेकिन शिकारी ने उसे पकड़ लिया। गौरिया को अपनी दुर्दशा का अहसास हो गया और उसने खुद को दोषी महसूस किया क्योंकि उसने चूहे को अपने मकान में आने की सलाह दी थी।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें कभी-कभी अपने दोस्तों को सलाह देते समय सोच-समझ कर ही बोलना चाहिए और उनके लिए सबसे अच्छा और सुरक्षित रास्ता चुनना चाहिए।

30 गाने वाला गधा की कहानी (Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक गाँव में एक गधा रहता था जो गाने का बहुत शौकीन था। वह हर सुबह उठते ही गाने गाता और अपनी मिठी आवाज़ से सभी को मनोरंजन प्रदान करता था। गाँव के लोग उसके गाने को सुनने के लिए बहुत पसंद करते थे और उसकी गायन की प्रशंसा करते थे।

एक दिन, गधे ने अपने दोस्तों को एक पार्टी में बुलाया। पार्टी में वह बहुत सारे स्वादिष्ट खाने पकड़ा। उसने सभी को खाने का आनंद लेते हुए बहुत मज़ा किया। जब सभी खाना खा चुके थे, तो एक विचित्र विचार गधे के मन में उत्पन्न हुआ।

गधा ने सोचा, “मैं गाने वाला गधा हूँ, मेरे पास गाने की कला है। क्या मैं अपने गाने की कला को खाना भी बना कर सभी को प्रसन्न कर सकता हूँ?”

उसने जल्दी से सोचा कि कैसे वह अपने गाने की कला को खाने में परिणत कर सकता है। उसने अपने दोस्तों को बुलाया और खाने के लिए एक नया प्रस्ताव पेश किया।

गधा ने अपने दोस्तों को बताया कि वह अपना गाना खाने में बदलना चाहता है। सभी उसकी यह अद्भुत विचारधारा का स्वागत करते हुए उसकी मदद करने के लिए तैयार थे।

गधा ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर खाना बनाया और खाने के समय पर वह गाना गाने लगा। उसकी मिठी आवाज़ ने सभी को मनोरंजन किया और उन्हें खुशी के पल दिलाए।

गधे ने अपनी कला को खाने में बदलकर सभी को प्रसन्न किया और उन्हें खाने का और भी मज़ा आया। उसने सिखाया कि कला ही ऐसी होती है जो हमें न केवल अपने आप को प्रसन्न करने में मदद करती है, बल्कि दूसरों को भी खुश करने में सक्षम होती है।

31 टोपी बेचने वाला और बन्दर की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक गांव में एक टोपी बेचने वाला व्यापारी रहता था। उसका नाम गोपाल था। गोपाल का व्यापार बहुत अच्छा चलता था। वह हर रोज अपने टोपियों को बाजार में बेचने जाता था।

एक दिन, गोपाल को एक बंदर मिला। बंदर बहुत बड़ा और सुंदर था। वह गोपाल के दुकान के पास बैठ गया। बंदर ने गोपाल के सामने एक टोपी रखी और उसे देखते हुए कहा, “यह टोपी बहुत सुंदर है। मुझे यह टोपी चाहिए।”

गोपाल ने बंदर को देखकर चकित होकर पूछा, “तुम्हे टोपी क्यों चाहिए?”

बंदर ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “मैं एक नाटक में काम कर रहा हूँ और मेरे पास एक विशेष रोल है जिसमें मुझे टोपी पहननी है। मुझे लगता है कि यह टोपी मेरे किरदार को और भी रोचक बना सकती है।”

गोपाल ने बंदर की बात सुनकर समझा कि वह टोपी सिर्फ खाली नहीं, बल्कि किसी के लिए भी एक विशेष अर्थ रखती है। उसने बंदर को वह टोपी उसी कीमत पर बेच दी।

बंदर ने खुशी-खुशी टोपी उठाई और वहाँ से चला गया। बंदर ने अपने नाटक में उस टोपी का उपयोग किया और लोगों को उसका प्रदर्शन बहुत पसंद आया। गोपाल ने देखा कि उसकी एक साधारण सी टोपी ने किसी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ बना दिया। उसने यह बात समझ ली कि कभी-कभी हमें दूसरों की जरूरतों को समझना और सहायता करना चाहिए।

32 चींटियाँ और टिड्डे की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक जंगल में चींटियों और टिड्डों की बहुत बड़ी संख्या थी। यह जंगल बहुत ही हरित और उपजाऊ था। चींटियाँ जंगल के नीचे मिट्टी में अपने छोटे-छोटे गड्ढे बनाती थीं और वहां अपने लार्वे को छिपा देती थीं। जबकि टिड्डे पेड़ों पर अपने छोटे-छोटे गांठों में अपनी अंडे देते थे।

चींटियों की समुदाय में एक बुद्धिमान चींटी थी। वह हमेशा सोचती थी कि जंगल में सबसे सुरक्षित जगह कौन सी है। उसने अपनी समुदाय को सिखाया कि गड्ढे में अंडे छिपाना उनके लिए सबसे सुरक्षित है।

एक दिन, जब जंगल में एक बड़ी हलचल मच गई, तो टिड्डों की समुदाय को भी चींटियों की समुदाय के साथ गड्ढों में छुपने की आवश्यकता महसूस हुई। चींटियाँ और टिड्डे दोनों ही जंगल की निराशा से बचने के लिए आपस में मिल गए।

चींटियाँ ने टिड्डों को गड्ढों में अपने साथ छुपने की सलाह दी और उन्हें गड्ढे के बनाने का तरीका सिखाया। टिड्डे ने चींटियों का यह प्रस्ताव स्वीकार किया और उनके साथ मिलकर गड्ढे बनाना शुरू किया।

इस तरह, चींटियाँ और टिड्डे मिलकर जंगल की निराशा से बचने में कामयाब रहे। इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि सहयोग और एकता हमें किसी भी मुश्किल स्थिति से निपटने में मदद कर सकती है।

33 हाथी और चूहा की कहानी(Short Stories) 

50 Best Short Stories in Hindi |बच्चो के लिए नैतिक कहानियाँ

एक बार की बात है, एक जंगल में एक हाथी और एक चूहा मिले। हाथी बड़ा, भारी और शक्तिशाली था, जबकि चूहा छोटा, निम्न वजन और चालाक था।

एक दिन, हाथी और चूहा जंगल में घूम रहे थे। रास्ते में, उन्हें एक गहरा खाई मिली। चूहा ने बहुत ध्यान से देखा और फिर कहा, “हाथी भैया, इस खाई के निचे बहुत सारा सोना हो सकता है। हमें इसे खोदकर देखना चाहिए।”

हाथी ने चूहे की बात सुनी और खाई को खोदने में मदद करने के लिए अपनी शक्ति का इस्तेमाल किया। खाई के नीचे वास्तव में सोने का भंडार था। चूहा ने उसे धन्यवाद दिया और कहा, “हाथी भैया, अब हम दोनों इस सोने का आनंद उठा सकते हैं।”

चूहा ने हाथी से कहा कि वह छोटा है और सोने का भाग अधिक होना चाहिए। हाथी ने इस सलाह को मान लिया और चूहे को ज्यादा सोना दिया।

इसके बाद, चूहा ने हाथी को धोखा देकर उसे खाई से बाहर निकाल दिया और अपने लाभ के लिए सोने का भाग अपने पास रख लिया।

यह Short Stories हमें यह सिखाती है कि साथ में काम करने पर आपसी भरोसा होना चाहिए और हमें धोखा देने वाले लोगों की पहचान करने की आवश्यकता होती है।

34 तीन छोटे सूअर की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में तीन छोटे सूअर रहते थे। उनमें एक का नाम चिंटू, दूसरे का नाम मिंटू, और तीसरे का नाम पिंटू था। ये तीनों बहुत ही शरारती और खुशमिजाज थे।

एक दिन, उन्हें अपने गाँव के पास एक बाघ के आसपास जाने का मन हुआ। वे चाहते थे कि वे बाघ को देखें और बाघ के बारे में अधिक सीखें। लेकिन उन्हें भय भी था कि बाघ उन्हें खा न जाए।

चिंटू, मिंटू और पिंटू ने मिलकर योजना बनाई कि वे बाघ के पास जाएंगे, लेकिन सावधानी से। वे धीरे-धीरे आगे बढ़ते गए।

जब वे बाघ के पास पहुँचे, तो उन्होंने देखा कि बाघ सो रहा है। यह देखकर उन्होंने सोचा कि यह सही मौका है बाघ के बारे में और कुछ सीखने का।

लेकिन चिंटू, मिंटू और पिंटू ने बाघ को पहचाना नहीं था कि वह सो नहीं रहा था, बल्कि वह ठीक उनके पास था, चुपचाप उन्हें ध्वस्त करने की चालू था।

बाघ ने अचानक उन तीनों को पकड़ लिया। उन तीनों के भागने की कोशिश के बावजूद, बाघ ने उन्हें पकड़ लिया और उन्हें खा गया।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें कभी भी ध्यान में रखना चाहिए कि हमारी विवेकशीलता हमें किसी भी स्थिति में सही निर्णय लेने में मदद कर सकती है।

 

35 बंदर और मगरमच्छ की कहानी(Short Stories) 

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एक गाँव में एक बंदर और एक मगरमच्छ अच्छे दोस्त थे। वे हमेशा साथ खेलते और जंगल के सफर का आनंद लेते थे।

एक दिन, बंदर और मगरमच्छ ने एक सर्दी जैसे मौसम में झील में स्विमिंग करने का निश्चय किया। झील में जाने के बाद, बंदर ने मगरमच्छ को उसके तैराकी कौशल पर चिढ़ाते हुए कहा, “तू तो तैरने का माहिर है, पर मुझे लगता है कि मैं भी तुझसे तेज हूँ।”

मगरमच्छ ने हँसते हुए जवाब दिया, “ठीक है, चल, हम एक रेस करेंगे।”

दोनों ने झील के एक किनारे से दूसरे किनारे तक रेस की शुरुआत की। मगरमच्छ ने तेजी से तैरना शुरू किया, जबकि बंदर थोड़ा पीछे रह गया।

हालांकि, जब वे आधी रास्ते पर थे, तो मगरमच्छ एक गहरी जलजहाज की तह पर फंस गया। वह अब और आगे नहीं बढ़ सकता था।

बंदर ने इसे देखा और उसकी मदद के लिए तत्पर हो गया। बंदर ने जलजहाज की तह पर लटके हुए मगरमच्छ के पास जाकर उसे अपनी पीठ पर बैठा लिया और उसे सुरक्षित तरीके से किनारे तक पहुंचाया।

36 मूर्ख चोर की कहानी(Short Stories) 

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एक गाँव में एक बहुत ही मूर्ख चोर रहता था। वह बहुत ही साहसी और बेवकूफ था। उसका नाम गोपाल था। गोपाल के मन में चोरी करने की चाह थी, लेकिन उसका साहस और दिमाग थोड़ा कमजोर था।

एक दिन, गोपाल ने सोचा कि वह अपने पड़ोसी के घर से कुछ चोरी करेगा। उसने रात के समय पड़ोसी के घर की ओर रह गया। लेकिन वह चोरी के लिए बड़े ही बेवकूफ तरीके से प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था।

गोपाल ने बाहर से एक खिड़की को खोलने का प्रयास किया, लेकिन खिड़की बहुत ही मजबूत थी। फिर भी उसने कोशिश की और खिड़की को खोलने की कोशिश की, जिससे उसका हाथ चोट लग गया।

गोपाल के हाथ की चोट के बावजूद, वह निराश नहीं हुआ। उसने दूसरी खिड़की की ओर देखा और उसे खोलने का प्रयास किया, लेकिन वह भी नहीं खुली।

अंत में, गोपाल ने खुद से कहा, “मैं बहुत ही मूर्ख हूँ। मुझे चोरी करने का कोई अंदाजा नहीं है और मेरा साहस भी बहुत कमजोर है।”

इसके बाद, उसने अपने घर की ओर चल कर अपनी गलती को स्वीकार किया और कभी भी फिर से चोरी करने का प्रयास नहीं किया।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपने कामों को समझने की आवश्यकता होती है और अपनी क्षमताओं और सीमाओं को समझना जरूरी होता है। अगर हम किसी काम के लिए तैयार नहीं हैं तो हमें उसका प्रयास नहीं करना चाहिए

मगरमच्छ ने बंदर को धन्यवाद कहा और दोनों ने साथ में हंसते हुए अपने घर की ओर चल दिया।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्चे मित्रता में सहायता और सामर्थ्य की मदद करना होता है, चाहे वह किसी भी परिस्थिति में हो।

37 तीन गुडियां की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक गाँव में एक गरीब महिला रहती थी जिनके पास कुछ भी संपत्ति नहीं थी। वह अपने बच्चों को पालने के लिए बहुत मेहनत करती थी। एक दिन, उसने दुकान से कुछ पैसे बचा कर तीन छोटी गुड़ियों को खरीद लिए।

उसने गुड़ियों को सजाकर अपने बच्चों को दी। उनके बच्चे बहुत खुश हो गए और उन्हें अपनी सबसे प्रिय साथी मिल गई। वे हर दिन गुड़ियों के साथ खेलते और उनकी देखभाल करते।

एक दिन, गाँव में आया एक आयोजन जिसमें सभी बच्चों को उनकी पसंदीदा गुड़ियों के साथ आना था। महिला के बच्चे भी बहुत खुश थे और वे अपनी गुड़ियों को लेकर आये।

आयोजन के दौरान, गाँव के अमीर व्यक्ति ने देखा कि महिला के बच्चे केवल तीन गुड़ियों के साथ आये हैं, जबकि अन्य बच्चे अपनी बहुमूल्य खिलौनों के साथ आए हैं। उन्होंने महिला से पूछा, “तुम्हारे पास केवल तीन गुड़ियां क्यों हैं?”

महिला ने विनम्रता से उत्तर दिया, “हाँ, मेरे पास तीन गुड़ियां हैं, पर ये तीनों गुड़ियां मेरे बच्चों की खुशी का कारण हैं। ये उनके लिए सबसे मूल्यवान हैं और मेरे लिए भी।”

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्ची खुशी और संतोष उन चीजों में होता है जो हमें प्रिय होती हैं, चाहे वो कितनी भी साधारण क्यों ना हों। और यह भी सिखाता है कि सम्पत्ति की मान उसके मूल्य से नहीं, बल्कि हमारे भावनात्मक संबंधों और संवेदनशीलता से होती है।

38 गधे से बहस की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, गाँव में एक समृद्ध व्यापारी रहता था जिसके पास एक अद्भुत गधा था। वह गधा बहुत ही होशियार और बुद्धिमान था। इस गाँव में एक गरीब आदमी भी रहता था जिसके पास भी एक गधा था, लेकिन वह गधा बहुत ही नासमझ और मूर्ख था।

एक दिन, समृद्ध व्यापारी और गरीब आदमी बहस करने लगे कि किसका गधा बुद्धिमान है। समृद्ध व्यापारी ने कहा, “मेरा गधा बहुत ही बुद्धिमान है। वह मेरे लिए हर काम कर सकता है और हमेशा मुझे सही निर्णय देता है।”

गरीब आदमी ने हँसते हुए कहा, “तुम्हारा गधा बुद्धिमान? मेरा गधा भी तुम्हारे गधे से कहीं बेहतर है।”

दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। तभी एक विचार आया कि बेहतर होगा कि गधे को एक परीक्षा में लेकर उनके बुद्धिमानी का परीक्षण किया जाए।

दोनों ने एक सरल परीक्षा तैयार की। उन्होंने एक बड़ा गड्ढा खोदा और फिर उसे भर दिया। फिर उन्होंने गधों को कहा, “जो गधा पहले गड्ढे को भरकर उसे दोबारा खोदता है, वह बुद्धिमान होगा।”

समृद्ध व्यापारी का गधा पहले गड्ढे को देखते हुए सोचा कि वह उसे दोबारा खोदकर भर सकता है, लेकिन उसका गधा वहाँ पहुँचते ही उसने अगले गधे के बारे में सोचना शुरू कर दिया।

इसके बाद, गरीब आदमी का गधा गड्ढे को देखते ही उसे दोबारा खोदने और भरने लगा।

अंत में, गरीब आदमी का गधा परीक्षा में सफल रहा क्योंकि वह अपने स्वार्थ के बजाय दूसरों की मदद में लगा रहा था।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि होशियारी और बुद्धिमानी का सही मतलब यह नहीं होता कि हम स्वार्थपराय हों, बल्कि यह यह होता है कि हम दूसरों की मदद करें और सहायता में अपना योगदान दें।

39 बहादुर छोटा चूहा की कहानी(Short Stories) 

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एक गाँव में एक छोटा चूहा रहता था जिसका नाम चिंटू था। वह गाँव के बाहर के मैदान में रहता था और उसकी दोस्ती सभी बच्चों के साथ थी। चिंटू को बहुत पसंद था अपने दोस्तों के साथ खेलना। वह हमेशा खुश और उत्साहित रहता था।

एक दिन, गाँव को एक भयंकर समस्या का सामना करना पड़ा। एक जहरीला साँप गाँव के पास आ गया था और लोगों को डराकर उन्हें काम में लगाने लगा। लोग उस स्थान से दूर भागने लगे।

चिंटू ने भी इस समस्या का सामना किया और उस साँप के साथ मुकाबला किया। वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर साँप को बाहर निकालने का प्रयास किया। चिंटू और उसके दोस्तों ने मिलकर साँप को पकड़ा और उसे जंगल में छोड़ दिया।

गाँव के लोगों ने चिंटू की बहादुरी को देखा और उसे सराहा। वे उसे गाँव का हीरो घोषित किया।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि छोटे भी छोटे जीवों में भी बहादुरी की भावना होती है और उन्हें हिम्मत और साहस की आवश्यकता होती है। इससे हमें यह भी सिखने को मिलता है कि हमें कभी डर से नहीं हारना चाहिए, बल्कि उसका सामना करना चाहिए।

40 खोई हुई चाबी की कहानी(Short Stories) 

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एक बार एक छोटे से गाँव में एक लड़का नामक विक्रम रहता था। एक दिन वह अपने घर से बाहर खेलने गया। खेलते-खेलते उसने एक बड़ी और पुरानी चाबी मिली। उसने उसे उठाकर देखा, और उसे अपने पॉकेट में रख लिया।

बाद में, जब वह अपने घर की ओर लौट रहा था, उसने अपनी चाबी का उपयोग करने का प्रयास किया, लेकिन वह चाबी कहीं नहीं मिल रही थी। उसने अपने बार-बार जांच की, लेकिन वह चाबी कहीं नहीं थी।

विक्रम बहुत चिंतित हो गया। उसने अपने दोस्तों से मदद मांगी और उन्हें चाबी को ढूँढने में शामिल किया। वे सभी मिलकर गाँव के हर कोने को खोजने लगे, लेकिन चाबी कहीं नहीं मिली।

अंत में, विक्रम ने अपनी माँ से चाबी के बारे में बताया। उसकी माँ ने उसे बताया कि कभी-कभी हमारी देखभाल नहीं की चीजों को हम खो देते हैं, लेकिन उसका मतलब यह नहीं कि वह हमें असफल बनाए। उसने उसे बताया कि उसकी अंदर की ताकत को आजमाएं, और दूसरे तरीके ढूँढें।

इस पर विक्रम ने समझा कि वह अपनी चाबी की जगह दूसरे तरीके से अपने घर में प्रवेश कर सकता है। उसने खिड़की के पास एक छोटा सा पट्टी खोज निकाला, और उसे अपनी दारवाजे की ताकत से खोल दिया।

विक्रम के उपयोग से, दरवाजा खुल गया, और उसने अपने घर में प्रवेश किया। वह बहुत खुश था कि वहने अपनी चाबी को ढूँढने में सफलता प्राप्त की और उसने अपनी चुनौती का सामना किया।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपने संकोच और डर को पार करने के लिए तैयार होना चाहिए। जीवन में हर बार हर चुनौती का सामना करना हमें मजबूत बनाता है और हमें सफलता की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।

41 सुनहरे अंडा की कहानी (Short Stories) 

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बहुत दिनों पहले, एक छोटे से गाँव में एक गरीब किसान रहता था जिसका नाम रामु था। रामु अपने परिवार के साथ एक छोटे से खेत में रहता था। वह गरीबी के बावजूद बहुत मेहनती और ईमानदार था। उसके पास एक मुर्गा था जिसने हर दिन सुबह-सुबह सुनहरे रंग का अंडा देता था।

एक दिन, रामु ने अपने मुर्गे को बेचने का निर्णय किया क्योंकि उसे अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए पैसे की आवश्यकता थी। उसने मुर्गे को बाजार में बेचने के लिए ले जाया।

बाजार में, रामु के साथ एक धनी व्यापारी आया और उसने मुर्गे को खरीद लिया। व्यापारी को मुर्गा बेहद अच्छा लगा क्योंकि उसके पास अंडा देने वाली मुर्गी होने के कारण उसे आगे की मुनाफा होने की उम्मीद थी।

रामु ने मुर्गे को बेचकर पैसे ले लिए, लेकिन अगले ही दिन उसे खेत में काम करते समय अचानक ख्याल आया कि क्या उसने सही किया। वह मुर्गे का साथ नहीं दे पाया और उसके सुनहरे अंडे की मान्यता भी थी।

रामु जल्दी से बाजार में पहुँचा और व्यापारी से अपना मुर्गा वापस लेने की विनती की। धनी व्यापारी ने रामु की बात सुनी और उसे मुर्गा वापस कर दिया, लेकिन इसके बदले में वह सुनहरे अंडे का अधिक मूल्य नहीं दे सका।

रामु ने खुशी-खुशी मुर्गे को घर ले आया और फिर से उसे अपने पास रख लिया। उसने समझ लिया कि समृद्धि और धन के पीछे भागते हुए वास्तविक खुशियों को खोना अच्छा नहीं होता। उसका मुर्गा और उसके सुनहरे अंडे उसकी असली समृद्धि और खुशियों के राज थे।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें कभी भी अपनी संपत्ति को उचित समझकर बेचने से पहले ध्यान से सोचना चाहिए। धन और समृद्धि के पीछे भागने के बजाय, हमें अपने असली सुख और संतोष को पहचानना चाहिए।

42 हाथी और मित्र की कहानी(Short Stories) 

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एक बार की बात है, एक जंगल में एक हाथी रहता था जिसका नाम हैरान था। हैरान बहुत ही बड़ा और शक्तिशाली था, लेकिन उसका दिल बहुत ही दयालु और सच्चा था। वह अकेला जंगल में रहता था और उसका एक अच्छा मित्र भी नहीं था।

एक दिन, हाथी हैरान जंगल में घूम रहा था जब उसने एक छोटे से शेर को देखा। शेर का नाम सिम्बा था। सिम्बा को देखकर हाथी हैरान ने उसके पास जाकर दोस्ती की प्रस्ताव दी। सिम्बा ने भी खुशी-खुशी उसकी दोस्ती स्वीकार की।

दोनों दोस्त बहुत समय बिताते और एक-दूसरे के साथ खुशियाँ बांटते थे। वे जंगल के हर कोने में साथ मिलकर घूमते और खेलते थे।

एक दिन, जंगल में बड़ी समस्या हो गई। एक जालिम शेर आया और जंगल के जानवरों को धमकाता रहा। सिम्बा और हैरान को भी उस शेर की धमकी से खतरा था।

हाथी हैरान ने अपने दोस्त सिम्बा को समझाया, “हमें मिलकर उस जालिम शेर से लड़ना चाहिए। हम उसे जंगल से बाहर निकाल सकते हैं।”

सिम्बा और हैरान ने मिलकर उस शेर से लड़ाई की और उसे जंगल से भगा दिया। उनकी साहसिकता और मिलकर काम करने की शक्ति ने उन्हें विजयी बना दिया।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि अगर हम मिलकर काम करें तो हम किसी भी समस्या का सामना कर सकते हैं। मित्रता, एकता, और विश्वास से हम किसी भी मुश्किल को आसानी से पार कर सकते हैं।

 43 आलू, अंडा और चाय पत्ती की कहानी(Short Stories) 

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यह कहानी आलू, अंडा, और चाय पत्ती के बारे में है।

एक गाँव में रहने वाला एक आलू बहुत ही खुशनसीब था। वह हर दिन सूबह-सुबह अपनी दोस्तों के साथ खेलता और मजे करता था।

एक दिन, आलू ने एक अंडा पाया। उसने सोचा, “यह अंडा अत्यंत खास होगा।” और उसने उसे अपने पास रख लिया।

थोड़ी देर बाद, अंडा में से एक चिकनी चाय पत्ती निकली। चाय पत्ती ने आलू से कहा, “नमस्ते, मैं एक चाय पत्ती हूँ। क्या आप मुझे पानी में डालकर मुझे उबाल सकते हैं?” 

आलू ने हाँ कहा और उसने चाय पत्ती को पानी में डाल दिया। चाय पत्ती कुछ ही समय में अच्छे से उबल गई और चाय के स्वाद को बढ़ा दिया।

चाय पत्ती ने फिर कहा, “अब मैं आपको एक चाय के लिए सज्ज कर सकती हूँ।” और उसने आलू को स्वादिष्ट चाय पीलाई।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें हमेशा दूसरों के साथ उदार और सहानुभूति बने रहना चाहिए। छोटे-छोटे चीजों में भी खुशियों का अनुभव करना चाहिए, और अपने साथ अच्छे रिश्तों को मजबूत रखना चाहिए।

44 हाथी और उसके दोस्तों की कहानी(Short Stories) 

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एक जंगल में एक हाथी रहता था जिसका नाम हैरान था। हाथी हैरान बड़ा ही दयालु और उदार जानवर था। वह अपने जंगल के सभी जानवरों के साथ अच्छे रिश्ते रखता था। वह अकेला नहीं रहना पसंद करता था, इसलिए उसने अपने आस-पास कई अच्छे और सच्चे दोस्त बनाए थे।

उसके दोस्तों में एक हिरण, एक बंदर, और एक शेर शामिल थे। सभी वे मिलकर एक खुशहाल और मजेदार जीवन जीते थे। हर दिन उनका साथ खेलना, मस्ती करना और एक-दूसरे की मदद करना उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा था।

एक दिन, जंगल में बड़ा शोर होने लगा। सभी जानवर डर के मारे हैरान के पास आए और उससे रक्षा की उम्मीद की। हाथी हैरान ने जानवरों को समझाया और उन्हें शांत करने का प्रयास किया।

बाद में पता चला कि एक जंगली हाथी आया था और जंगल के एक कोने में बालवान हाथियों की टोली के साथ झगड़ा कर रहा था।

हाथी हैरान ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उस जंगली हाथी को समझाया और उसे शांत किया। उसने उसे अपने सहयोग के लिए आमंत्रित किया और उसकी समस्या का हल निकालने में मदद की।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि अच्छे और सच्चे दोस्त हमेशा आपके साथ होते हैं, समस्याओं में आपके साथ होते हैं और आपका साथ निभाते हैं। दोस्तों के साथ मिलकर हर कठिनाई को आसानी से पार किया जा सकता है।

45 किसान और कुआँ की कहानी (Short Stories) 

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एक गाँव में एक किसान रहता था जिसका नाम रामलाल था। वह अपने परिवार के साथ बहुत मेहनती था और खेती करके अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करता था। वह अपने खेतों में खेती करने के लिए पानी की बहुत अधिक आवश्यकता थी।

रामलाल के खेत के पास एक कुआँ था जिससे वह पानी लेता था। लेकिन कुआँ का पानी अधिक गहरा नहीं था और खेत के लिए पर्याप्त नहीं था। इसलिए, रामलाल को हमेशा पानी की कमी का सामना करना पड़ता था।

एक दिन, रामलाल ने खेत में काम करते समय नई खोज की। उसने अपने खेत के निकट एक गहरा कुआँ देखा। उसने कुआँ को साफ करके देखा और उसे खोला। उसने देखा कि कुआँ से पानी की बहुत अधिक मात्रा मिल रही थी।

रामलाल ने खुशी से चिल्लाया, “वाह! अब मेरे खेत की पानी की कभी कमी नहीं होगी।”

उसने तुरंत अपने परिवार को बुलाया और उन्हें खुश खबर सुनाई। सभी ने खुशी से उसके साथ पानी निकालने का काम शुरू किया।

रामलाल की यह खोज उसके लिए एक बड़ी कामयाबी साबित हुई। अब उसके खेत को हमेशा पानी से भरपूर रहता था और वह अच्छी उपजाऊं मिलती थी।

इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें समस्याओं का सामना करते समय अगर हम खुद के आसपास ध्यान से देखें तो हमें समाधान मिल सकता है। रामलाल ने भी अपने खेत की पानी की समस्या का समाधान अपने खुद के खेत के पास ही ढूंढ निकाला।

46 सुई वाली पेड़ की कहानी (Short Stories) 

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एक गाँव में एक सुन्दर वाटिका था, जिसमें बहुत सारे पेड़-पौधे थे। वाटिका के मालिक का नाम रामु है। वह अपने पेड़ों की बहुत खास देखभाल करता था। उन्होंने वाटिका में सभी पेड़-पौधों के साथ-साथ एक बहुत ही खास पेड़ को भी खास मान लिया था।

वह पेड़ एक सुन्दर सुई जैसी थी जो किसी भी बागी औरत की चेहरे की खूबसूरती को बढ़ा देती थी। लोग उस पेड़ को ‘सुई वाली पेड़’ कहकर पुकारते थे। रामु की वाटिका में सुई वाली पेड़ अनुपम खूबसूरती का प्रतीक बन गया था।

एक दिन, एक बड़ा बगीचे के मालिक रामु के पास आया और सुई वाली पेड़ को खरीदने की पेशकश की। रामु ने उसे अपने सुन्दर बगीचे से निकालकर उसे बेच दिया।

सुई वाली पेड़ बगीचे से दूर गई और उसकी खासियत को याद करते हुए रोने लगी। उसने सोचा, “मुझे अपने वाटिका में फिर से वापस ले जाना चाहिए, वहां मैं खुश हूँ और मुझे अपने साथ सभी पेड़-पौधों का साथ अच्छा लगता है।”

उसने रामु के पास वापस जाकर अपने वाटिका में फिर से लाने की प्रार्थना की, और रामु ने उसे फिर से अपने बगीचे में स्वागत किया।

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इस Short Stories से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपनी खासियतों को समझना चाहिए और उन्हें हमेशा महत्व देना चाहिए। कभी-कभी हमारे पास वो खुशियाँ होती हैं जो हमें सबसे अलग बनाती हैं।

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